गवर्नर से गुहार:व्यापारियों की लंबित पड़ी मांगों का करें निवारण, सौंपा ज्ञापन, गवर्नर ने किया आश्वस्त
पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरितहोतेकारोबारी, शहरके आर्थिकविकासकेलिएचिंताजनक, जल्दकरेंव्यापारियोंकीलंबितसमस्याओंकासमाधान: अविभसीन
पोल खोल न्यूज़ | चंडीगढ़
व्यापार से संबंधित लंबित समस्याओं के निवारण हेतु वीरवार को लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ इकाई के अध्यक्ष अवि भसीन चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रेसिडेंट एमपीएस चावल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल पंजाब के गवर्नर व चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित से मिला और व्यापारियों को व्यापार में आ रही समस्याओं से अवगत करवाया।
बतां कि लोक सभा चुनाव से पूर्व गवर्नर को लघु उद्योग भारती चंडीगढ़ व चंडीगढ़ इंडस्ट्रियल एसोसिएशन द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था जिस पर गवर्नर ने मुद्दों को चुनाव के बाद प्राथमिकता पर लिए जाने का आश्वासन दिया था। गवर्नर को एक बार फिर से व्यापारियों की लंबित पड़ी मांगो पर विचार कर समस्याओं का निवारण करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया है ताकि गवर्नर उनकी मांगों को सरकार के समक्ष रखकर इसका पूर्ण हल निकाल सकें।
अवि भसीन ने कहा कि व्यापार से जुड़े मुद्दे कई व्यापारियों और उद्यमियों को अपने कारोबार को पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित करने पर विचार करने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो शहर के आर्थिक विकास के लिए चिंताजनक है।
उन्होंने गवर्नर को सौंपे गए ज्ञापन में अंकित मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लीज होल्ड से फ्री होल्ड एक लम्बित पड़ा हुआ मुद्दा है यदि यह पॉलिसी आ जाती है तो इससे नये स्टार्ट-अप, नये व्यापार में निवेश बढ़ेगा जिससे शहर को एक पहचान मिलेगी और प्रशासन को राजस्व मिलेगा और इसके साथ ही बेरोजगारी में ही सुधार होगा। उन्होंने बताया कि लीज होल्ड के कारण एक बैंक लोन पास नही करता है, जिससे व्यापारी पड़ोसी राज्यों की ओर रुख करता है जहाँ पर प्रोपर्टी फ्री होल्ड है और कम दामों में उपलब्ध है। यही कारण है कि कई लोग पड़ोसी राज्यों में स्थानांतरित होने पर विचार करने के लिए मजबूर होते हैं जहाँ ऐसी बाधाएँ मौजूद नहीं हैं। लीजहोल्ड प्रॉपर्टीज को फ्रीहोल्ड में बदलने से यह सुरक्षा मिलेगी और अधिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे औद्योगिक विकास और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
अवि ने बताया कि एमएसएमई एक्ट 2006 जिसको पार्लियामेंट में मान्यता मिल गई है जिसमें मेन्युफेक्चरिंग के साथ सर्विसेज को भी जोड़ा गया। बावजूद इसके चंडीगढ़ में अभी भी मैन्युफैक्चरिंग से ही जुड़ाव बनाए बैठी है यही कारण है कि एमएसएमई चंडीगढ़ में पूर्ण रूप से लागू नही हुआ है और नया व्यापार सर्विसेज इंडस्ट्रीज से जुड़ नही पाया। उन्होंने कहा कि एमएसएमई यदि पूर्ण रूप से लागू होता है तो 90 प्रतिशत समस्याएं ठीक हो जाएंगी और व्यापार फिर से पटड़ी पर आ जाएगा तथा व्यापारी अपना व्यापार यहां चला व बढ़ा पाएगें।
भसीन ने बताया कि पड़ोसी राज्यों में 3 एफएआर हैं जबकि चंडीगढ़ आज के समय में भी 1 एफएआर पर ही है। जिसकी दरे बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में उद्योग के लिए पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर अतिरिक्त एफएआर का प्रावधान होना चाहिए। जिससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट ऑफ वैट असेसमेंट) लागू हो चुका है। जीएसटी के आने के बाद हर राज्य ने ओटीएस का सहारा लिया जिससे उनको नोटिस आने बंद हो गए। लेकिन चंडीगढ़ अभी भी ओटीएस स्कीम से अछूता है जिसकारण व्यापारियों को आये दिन जुर्मानों के नोटिस आते रहते हैं। उन्होंने गवर्नर से निवेदन किया कि शहर में ओटीएस स्कीम को लागू किया जाए, ताकि व्यापारियों को आए दिन आने वाले चालानों से छुटकारा मिल सके।
अवि भसीन ने कहा कि यदि प्रशासन द्वारा इन मुद्दों को अनदेखा किया जाता तो चंडीगढ़ के औद्योगिक विकास में बाधा उत्पन्न होगी, जिससे राजस्व और रोजगार के अवसरों में कमी आएगी। यह जरूरी है कि हम व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल बनाएं, जिससे हमारे शहर की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित हो सके।
प्रतिनिधि मंडल ने गवर्नर से आग्रह किया है कि वे इन मुद्दों को हल करने और चंडीगढ़ के उद्योग के विकास का समर्थन करने के लिए तत्काल कार्रवाई करें, उनका नेतृत्व और हस्तक्षेप औद्योगिक क्षेत्र को पुनर्जीवित करने और शहर के भीतर व्यवसायों को बनाए रखने में महत्वपूर्ण अंतर ला सकता है।
प्रतिनिधिमंडल की बातों पर गौर करते हुए गवर्नर ने सभी को विश्वास दिलाया कि वे व्यापारियों से जल्द एक बैठक करके सरकार के समक्ष इन मुद्दों पर चर्चा कर इसका समाधान करेंगे।