
गुग्गा नवमी पर विशेष : गुग्गल धूप से घर पर करें ये 3 चमत्कारी उपाय, दुख और दरिद्रता हो जाएगी दूर
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
गुग्गा महाराज का जन्म गुग्गल फल से हुआ और आज भी गुग्गा महाराज के जन्म और जीवन की शौर्य कथा रक्षा बंधन से लेकर गुग्गा नवमी तक सुनाई जाती है। ग़ुग्गल धूप का महत्व आज भी चमत्कारिक रूप से देखा जाता है।
एक बार वास्तु दोष लग जाने के बाद व्यक्ति के जीवन में कुछ भी सही नहीं होता है। परिवार में सदस्यों के मध्य कलह की स्थिति बनी रहती है। साथ ही आर्थिक स्थिति भी बदहाल हो जाती है। अतः वास्तु नियमों का पालन जरूरी है। वास्तु शास्त्र में नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के विशेष उपाय बताए गए हैं।
वास्तु दोष और गुग्गल धूप

सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। गृह निर्माण से लेकर प्रवेश तक वास्तु नियमों का विधि विधान से पालन किया जाता है। गृह प्रवेश के बाद भी सभी चीजों को वास्तु के हिसाब से रखा जाता है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
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तनाव दूर होता है
अगर आपके परिवार में सदस्यों के मध्य कलह की स्थिति है, तो घर पर गुग्गल धूप जलाएं। इस उपाय को आप विशेष दिन पर कर सकते हैं। एकादशी, त्रयोदशी, अमावस्या, पूर्णिमा तिथि पर घर में गुग्गल धूप जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। साथ ही पति-पत्नी के मध्य रिश्ते मजबूत होते हैं। इसके अलावा, मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है।
बनेंगे बिगड़े काम
अगर विशेष काम में आपको सिद्धि नहीं मिल रही है, तो आप गुग्गल धूप से उपाय कर सकते हैं। इसके लिए शुद्ध घी, पीली सरसों, लोबान और गुग्गल को गाय के कंडे पर लगातार 21 दिनों तक शाम के समय जलाएं। इस उपाय को करने से बिगड़े काम बनने लगते हैं। साथ ही सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्त होती है।
नकारात्मक शक्तियां कमजोर होती हैवास्तु जानकारों की मानें तो घर में लगातार 7 दिनों में गुग्गल धूप में पीली सरसों मिलाकर जलाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि और शांति आती है। इस उपाय को शनिवार के दिन से प्रारंभ करें।