हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीपीएस से छिनेंगी मूलभूत सुविधाएं
पोल खोल न्यूज़। शिमला
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों की मूलभूत सुविधाएं छीनी जाएंगी। इसके साथ ही सीपीएस को सचिवालय में मिले कमरे भी खाली करने होंगे। यहीं नहीं सरकार की ओर से इन्हें मंत्री की तर्ज पर दी गई सुख सुविधाएं भी हट जाएंगी। सरकारी कोठियां खाली करनी होंगी। इनके साथ सरकारी कर्मचारी भी वापस अपने विभागों में जाएंगे। बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद सचिवालय में सीपीएस के कमरों में सन्नाटा पसरा रहा। कई भी सीपीएस सचिवालय में नहीं देखे गए। सुक्खू सरकार ने सुंदर सिंह ठाकुर और संजय अवस्थी को पहले सीपीएस बनाया। इसके बाद चार अन्य ने गोपनीयता की शपथ ली।
बता दें कि सक्खू सरकार में मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा को विधि विभाग, संसदीय कार्य विभाग और बागवानी विभाग, रामकुमार को नगर नियोजन विभाग, उद्योग विभाग और राजस्व, आशीष बुटेल को शहरी विकास विभाग के साथ शिक्षा विभाग में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के साथ अटैच किया गया। वहीं, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल को पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास के साथ पंचायती राज विभाग की जिम्मेवारी सौंपी गई। संजय अवस्थी को स्वास्थ्य जनसंपर्क और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई।
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मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को ऊर्जा, वन, परिवहन और पर्यटन विभाग विभाग का जिम्मा सौंपा गया। यह छह मुख्य संसदीय सचिव अलग-अलग विभागों के मंत्रियों की काम में मदद करने का जिम्मा दिया गया। प्रदेश सरकार की व्यवस्था के मुताबिक विभागों की फाइलें मुख्य संसदीय सचिव से होकर मंत्री और मुख्यमंत्री को जाती हैं। अगर संसदीय सचिव को लगे कि फाइल में कोई बात छूट गई है। तो वह अपनी राय दे सकते हैं।