जनता के पैसों पर एश व असंवैधानिक कार्यों की पराकाष्ठा पर प्रदेश सरकार : राजेंद्र राणा
बिंदिया ठाकुर | सुजानपुर
विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट द्वारा छह मुख्य संसदीय सचिवों को नियुक्तियो को असंवैधानिक ठहराते हुए निरस्त करने के ऐतिहासिक फैसले ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखों की नियत और निर्णय प्रक्रिया पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
राणा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इन नियुक्तियों को जायज ठहरने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर बाहरी वकीलों को बुलाया जबकि प्रदेश में पहले से ही एडवोकेट और असिस्टेंट एडवोकेट जनरल की 70 संसदीय फौज मौजूद थी। आखिर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के खजाने को अपनी निजी संपत्ति समझ कर इस तरह का अपव्यय क्यों किया? राजेंद्र राणा ने सवाल उठाया कि क्या मुख्यमंत्री की अपनी कानूनी टीम इतनी अक्षम है कि उसे छोड़कर बाहरी वकीलों पर करोड़ों खर्च करने पड़े ?
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राणा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश माननीय उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए। इन फैसलों के बाद अब यह सवाल उठता है कि इन असंवैधानिक नियुक्तियों से हटाए गए। पीसीएस को दिए गए सरकारी सुविधाओ की भरपाई कौन करेगा,?