
हिमाचल के डिपुओं में 3 महीने से नहीं मिला सरसों का तेल, आम आदमी की जेब पर पड़ रहा असर
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश के डिपुओं में पिछले कई महीनों से सरसों का तेल गायब है। इसका सीधा असर प्रदेश के लाखों गरीब परिवारों की रसोई पर पड़ रहा है। नए साल का जनवरी महीना बीतने को आ रहा है, लेकिन डिपुओं में अभी तक सरसों के तेल की खेप नहीं पहुंची है। इस महीने डिपुओं में सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन दालें, चीनी और नमक मिल रहा है। वहीं, तीसरे महीने भी डिपुओं में सरसों तेल उपलब्ध न होने से लाखों परिवार अब बाजार से महंगे रेट पर खाद्य तेल खरीदने को मजबूर हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में उपभोक्ताओं को डिपुओं में पिछले साल नवंबर महीने से सरसों के तेल का कोटा नहीं मिल रहा है। ऐसे उपभोक्ताओं को जनवरी महीने में तीन महीने के तेल का कोटा एक साथ मिलने की उम्मीद थी, जिसके लिए 4 जनवरी को तेल का टेंडर भी खुल गया था। जिसके बाद तेल का रेट अप्रूव करने का मामला सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी तक सरकार ने रेट अप्रूवल को लेकर अपनी मंजूरी नहीं दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इन दिनों लोअर हिमाचल के प्रवास पर हैं। उनका 26 जनवरी तक शिमला लौटने का कार्यक्रम है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री के लौटने के बाद ही तेल के रेट के अप्रूवल को लेकर फैसला लिया जा सकता है। वहीं, अगर सरकार रेट को अप्रूव भी करती है तो हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के होल सेल गोदामों में तेल की सप्लाई पहुंचने में 8 से 10 दिनों का समय लग सकता है। ऐसे में अब उपभोक्ताओं को फरवरी में ही सरसों के तेल का कोटा मिलने की संभावना है।
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हिमाचल में उपभोक्ताओं को तीन महीने से सरसों के तेल का कोटा उपलब्ध नहीं हुआ है। प्रदेश भर में उचित मूल्यों की दुकानों में उपभोक्ताओं को आखिरी बार अक्टूबर महीने में तेल मिला था। इसके बाद से डिपुओं में उपभोक्ताओं को सरसों का तेल नहीं मिला है। हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19.65 लाख के करीब है। हालांकि ई-केवाईसी न करने से अभी तक 2.65 लाख राशन कार्डों को अस्थाई तौर पर ब्लॉक किया जा चुका है, लेकिन सरकार की सख्ती के बाद प्रदेश में ई-केवाईसी कराने को लेकर तेजी आई है। ऐसे में ई-केवाईसी के बाद अधिकतर राशन अनब्लॉक हो सकते हैं, जिसके चलते 19 लाख से अधिक परिवारों को फरवरी महीने में चार महीने का कोटा उपलब्ध कराने के लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को करीब 1.20 करोड़ लीटर सरसों के तेल की जरूरत होगी।