
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान: 10 वर्षों का सफर
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में बाल विकास विभाग द्वारा जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर बेटियों को सशक्त बनाने, उन्हें शिक्षित करने और उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। विद्यालय के प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने बताया कि पिछले दस वर्षों में इस अभियान ने समाज में बेटियों के प्रति सोच में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया है। उन्होंने बताया कि यह अभियान न केवल बेटियों को उनके अधिकार दिलाने का माध्यम बना है, बल्कि उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए एक नई राह भी तैयार की है।
कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग से डॉक्टर सचिन धीमान ने व्यक्तिगत स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने, संक्रमण से बचने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। बेटियों को स्वच्छता से जुड़ी आदतों के बारे में जागरूक करते हुए उन्होंने उन्हें अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को खुलकर साझा करने की प्रेरणा दी।बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप चौहान ने बेटियों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री कन्या दान योजना और बेटी है अनमोल योजना जैसी योजनाओं की जानकारी दी। इन योजनाओं के तहत मिलने वाले लाभों, उनके उद्देश्य और आवेदन प्रक्रिया को भी स्पष्ट किया। कुलदीप ने कहा कि इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बेटियों को आत्मनिर्भर और सक्षम बनाना है।
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डाक विभाग के इंस्पेक्टर संजीव ने उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना कि विस्तृत जानकारी दी कार्यक्रम के दौरान बेटियों को सैनिटरी पैड और फल वितरित किए गए जबकि पाठशाला के लिए एक इनसिनरेटर भी दिया गया । इसके अलावा, बाल विकास विभाग ने बेटियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और उनके पारिवारिक माहौल को समझने के लिए एक सर्वेक्षण भी करवाया। इस सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर भविष्य की योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया जाएगा। शिविर में बेटियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए पेंटिंग और नारा लेखन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। बेटियों ने चार्ट पर अपनी कला के माध्यम से बेटियों के मौजूदा मुद्दों को प्रस्तुत किया जिसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया इन कलाकृतियों में लैंगिक समानता, शिक्षा का महत्व और बेटियों के अधिकारों को उजागर किया गया। प्रधानाचार्य रांगड़ा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम बेटियों के सशक्तिकरण के साथ-साथ समाज में उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय की कई छात्राएं शिक्षा, खेल, विज्ञान और कला जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना रही हैं।
उन्होंने बाल विकास विभाग के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास समाज को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिविर के अंत में सभी प्रतिभागियों ने बेटियों के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने की शपथ ली। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षकों, बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग की टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के 10 वर्ष पूरे होने के इस अवसर पर आयोजित यह जागरूकता शिविर बेटियों के अधिकार, उनके स्वास्थ्य और उनके सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हुआ। यह कार्यक्रम समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और उनके लिए एक समान और उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए प्रेरणादायक रहा।