
बेदखली रोकने और नेशनल हाइवे निर्माण के दौरान पीड़ितों के लिए धर्मपुर में करेंगे संघर्ष : भूपेंद्र सिंह
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
हिमाचल किसान सभा ने मंडी के धर्मपुर में किसानों की बेदखली रोकने और नेशनल हाइवे निर्माण के दौरान पीड़ितों के लिए संगठित होकर संघर्ष छेड़ने का निर्णय लिया है। फॉरेस्ट लैंड में हो रही गैर कानूनी डंपिंग तथा बिना डीपीआर के अंधाधुंध कटाई से निजी संपत्ति को हो रहे नुकसान को लेकर भी किसान सभा ने कड़ा विरोध जताया है। सूबेदार मोहन लाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह और किसान सभा के जिला अध्यक्ष कुशाल भारद्वाज शामिल हुए।
भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कोर्ट के एक फैसले के बाद सरकार ने सरकारी भूमि पर पिछले कई वर्षों से बने मकानों, गोशालाओं, शौचालयों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो जमीन किसानों की ओर से कई सालों से कृषि और बागवानी के लिए प्रयोग की जा रही है उससे भी बेदखल किया जाएगा। ऐसी भूमि पर बने घरों पर तालाबंदी की जा रही है। वहीं कुशाल भारद्वाज ने बताया कि 20 मार्च को शिमला में विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। इसमें सरकार से हाईकोर्ट में हलफनामा देकर इसे रोकने और सरकारी भूमि को नियमित करने की मांग की जाएगी। एडवोकेट अनिल कटवाल और रंगीला राम ने बताया कि बैठक में नेशनल हाइवे निर्माण कंपनी के धर्मपुर, बनाल, बरोटी आदि डंपिंग साइटों को सुरक्षित तरीके से बनाने की भी मांग उठाई है। पाड़च्छू हुक्कल और अन्य स्थानों पर कंपनी की ओर से की गई ब्लास्टिंग के कारण कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
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दो साल पहले आई आपदा के कारण क्षतिग्रस्त मकानों और उपजाऊ भूमि का मुआवजा सरकार ने आज तक नहीं दिया। अनिल कटवाल के मुताबिक टिहरा उप तहसील की तनिहार ग्राम पंचायत के हियुन बाल्ह विशेष बस्ती के एक दर्जन परिवार पिछले 18 महीनों से किराये के मकानों में रह रहे हैं। ऐसी ही स्थिति रियूर, डिडणु, कुन, झहरेड़ा इत्यादि गांवों में भी है। पूर्व जिला परिषद सदस्य भूपेंद्र सिंह ने बताया कि तहसील स्तरीय बैठकें आयोजित करने और किसान सभा की कमेटियां सभी क्षेत्रों में गठित करने का निर्णय भी लिया गया।