
करुणामूलक नौकरी के बदलेंगे नियम, सभी पात्रों को रोजगार देगी सरकार
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
बुधवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायकों ने पात्रों को नौकरी नहीं मिलने का मामला उठाते हुए सरकार को घेरा तो मुख्यमंत्री की गैर मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी विपक्षी सदस्यों को खूब खरी खोटी सुनाई। कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष रोहित ठाकुर ने 15 अप्रैल से पहले रिपोर्ट तैयार होने का सदन में आश्वासन दिया। अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार करुणामूलक आधार पर सभी पात्राें को समयबद्ध नौकरी देगी। मंत्रिमंडलीय समिति की सिफारिशों के आधार पर नौकरी दी जाएगी।
नौकरी में वही नीति चल रही है जो पूर्व भाजपा सरकार ने बनाई है। विभागों के पास पांच फीसदी रोजगार देने का अधिकार है और उसके मुताबिक ही पात्रों को खाली पदों पर नौकरी दे रहे हैं। पेंशन आय का हिस्सा है और उसे इसमें जोड़ा जाता रहा है। पेंशन के लिए सरकारी कोष से धन जारी होता है। उन्होंने कहा कि विभागों में 31 अक्तूबर 2024 तक करुणामूलक आधार पर रोजगार के कुल 1,839 लंबित मामले हैं। विभाग 7 मार्च 2019 को जारी संशोधित दिशानिर्देश के आधार पर करुणामूलक मामलों का निपटारा व निस्तारण कर रहे हैं। वर्तमान नीति के अनुसार विभागों में कुल 2,524 मामले अस्वीकृत किए गए हैं। इससे पहले भाजपा विधायक सतपाल सिंह सत्ती, सुरेंद्र शौरी, रणधीर शर्मा और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने करुणामूलक आधार पर नौकरियां नहीं दिए जाने का मामला उठाया।
ये भी पढ़ें :कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हर्षोल्लास के साथ मनाया मुख्यमंत्री सुक्खू के जन्मदिवस
नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आय सीमा ही करुणामूलक आधार पर नौकरी में सबसे बड़ी बाधा बन गई है। आय सीमा में अगर कुछ छूट दी जाती है तो इन लोगों को रोजगार मिल जाएगा। जयराम ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने व्यावहारिक पक्ष देखते हुए रिटायर होने से एक दिन पहले मौत होने पर भी पात्र को रोजगार देने का प्रावधान किया था। विधायक सतपाल सिंह सत्ती ने पूछा कि सरकार क्या ऐसी नीति बनाएगी, जिसमें पात्र लोगों को जल्द नौकरी मिल पाए। विधायक सुरेंद्र शौरी ने कहा कि जितने मामले स्वीकृत हुए हैं, उससे अधिक अस्वीकृत किए गए हैं। अधिकतर आय के मापदंड के आधार पर बाहर किए गए हैं। विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि जो मामले अस्वीकृत हुए हैं, उनमें अधिकतर में आय सीमा बाधा है। उन्होंने मांग की कि आय में पेंशन को न जोड़ा जाए।
इस मुद्दे को लेकर पक्ष और विपक्ष की ओर से राजनीतिक बयानबाजी की गई। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वही बातें रिकॉर्ड पर ली जाएंगी जो करुणामूलक नौकरी से जुड़े मामलों से हैं। अन्य सभी राजनीतिक बयानबाजी रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं होगी।