
शिक्षा सिर्फ नंबरों तक सीमित नहीं, यह व्यक्तित्व निर्माण की कुंजी है : रजनीश रांगड़ा
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
स्वर्ण जयंती राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (उत्कृष्ट) टौणी देवी में आज एक विशेष शिक्षा संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय प्रबंधन, शिक्षकगण और अभिभावकों ने भाग लिया। इस अवसर पर वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित किए गए और विद्यार्थियों की शैक्षणिक उपलब्धियों की समीक्षा की गई। संवाद का मुख्य उद्देश्य न केवल परीक्षा परिणामों में सुधार की रणनीति बनाना था, बल्कि समाज में नशे के बढ़ते प्रचलन पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने पर भी विचार-विमर्श किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री रजनीश रांगड़ा ने इस कार्यक्रम की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल परीक्षा परिणामों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसका मुख्य लक्ष्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है।
उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को न केवल शैक्षणिक रूप से बल्कि मानसिक, भावनात्मक और नैतिक रूप से भी सशक्त बनाने में सहयोग दें। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि अभिभावक और शिक्षक मिलकर विद्यार्थियों को एक सकारात्मक और सहयोगात्मक शैक्षिक वातावरण प्रदान करें। शिक्षकों ने इस अवसर पर अभिभावकों को विद्यार्थियों की प्रगति की विस्तृत जानकारी प्रदान की और उन्हें घर पर अनुकूल वातावरण बनाने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय प्रबंधन ने इस वर्ष की वार्षिक उपलब्धियों पर चर्चा की और भविष्य में शिक्षा स्तर को और अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाने का संकल्प लिया। कक्षा 6 से 9 एवं 11 के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए, जिसमें विद्यालय ने 100% सफलता प्राप्त की।
इस वर्ष भी छात्राओं ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। कक्षा 6 में प्रज्ञान, शताक्षी और पलक, कक्षा 7 में भावना, कनिका और गोपाल, कक्षा 8 में याश्मीन, वंशिका और भूमिका तथा कक्षा 9 में रूचि, नंदनी और मन्नत कक्षा 11 में कला संकाय में खुशी, सोनिका और मनीषा, वाणिज्य संकाय में रिया, ईशा ,रिशिका एवं दिशा जबकि विज्ञान संकाय में इशिता, गीतिका और तनवी ने शीर्ष स्थान प्राप्त किए। प्रधानाचार्य ने सभी सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल अच्छे अंक प्राप्त करना नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सक्षम बनाने का माध्यम है। उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों की अन्य क्षमताओं को भी पहचानें और प्रोत्साहित करें।
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विद्यालय प्रबंधन ने समाज में बढ़ती नशे की समस्या, विशेष रूप से युवाओं में ड्रग्स (चिट्टा) के प्रचलन पर गहरी चिंता व्यक्त की। प्रधानाचार्य ने इस गंभीर विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नशे के विरुद्ध लड़ाई केवल विद्यालय की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज का दायित्व है। उन्होंने विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराने और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने हेतु एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की घोषणा की। इस अभियान के अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए विशेष जागरूकता सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, विद्यार्थियों को खेल-कूद, योग, संगीत और अन्य रचनात्मक गतिविधियों की ओर आकर्षित करने के लिए विशेष कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। अभिभावकों से भी अनुरोध किया गया कि वे अपने बच्चों की गतिविधियों पर सतर्कता बनाए रखें और किसी भी संदिग्ध व्यवहार को नजरअंदाज न करें।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में लगभग 50 अभिभावकों ने भाग लिया और विद्यालय की इस पहल की सराहना की। उन्होंने विद्यालय के शिक्षकों और प्रधानाचार्य को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया और भविष्य में भी इसी प्रकार शिक्षा संवाद आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानाचार्य श्री रांगड़ा ने अभिभावकों, शिक्षकों और एसएमसी सदस्यों का आभार व्यक्त किया और आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए अधिकाधिक अभिभावकों को प्रवेश प्रक्रिया से जोड़ने का आह्वान किया।