
विमल नेगी मौत मामला: सरकार घोटालेबाज अफसरों और नेताओं को बचाने में जुटी : राजेंद्र राणा
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के वरिष्ठ अधिकारी विमल नेगी की संदिग्ध मौत को लेकर पूर्व विधायक का राजेंद्र राणा ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले में सच्चाई को सामने लाने की बजाय उन अधिकारियों को बचाने में जुटी है, जिन्होंने विमल नेगी पर गलत काम करने का दबाव डाला और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन में लगातार करोड़ों रुपए के घोटाले सामने आ रहे हैं। करोड़ों के लेनदेन का कच्चा चिट्ठा दबाया जा रहा है। सत्ता में बैठे प्रभावशाली नेता और अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं, लेकिन सरकार उन्हें बचाने में लगी है। उन्होंने आरोप लगाया कि विमल नेगी को एक बड़े खेल का मोहरा बनाया गया था, जहां उन्हें जबरन गलत फैसलों के लिए मजबूर किया जा रहा था। जब उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई, तो उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया गया, जिससे यह दुखद घटना हुई।
सीबीआई जांच से क्यों भाग रही सरकार?
राजेंद्र राणा ने सवाल उठाया कि यदि सरकार के हाथ साफ हैं, तो वह इस मामले की जांच सीबीआई से क्यों नहीं करवाना चाहती? उन्होंने कहा कि सरकार केवल प्रदेश की एजेंसियों के माध्यम से एक दिखावटी जांच कर जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश पुलिस के अधिकारी उन नेताओं और वरिष्ठ अफसरों के खिलाफ निष्पक्ष जांच नहीं कर सकते, जो स्वयं इस भ्रष्टाचार के मुख्य सूत्रधार हैं।
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राणा ने कहा कि यदि यह मामला सीबीआई को सौंपा गया, तो सरकार में बैठे कई नेता और उनके राजदार अफसर बेनकाब हो जाएंगे। इसलिए सरकार किसी भी कीमत पर यह नहीं चाहती कि यह मामला उच्चस्तरीय जांच एजेंसी के पास जाए।
हिमाचल में कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त
पूर्व विधायक ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। भ्रष्टाचारियों को खुली छूट मिली हुई है, और आम जनता को न्याय मिलना मुश्किल होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक अधिकारी की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम में फैले भ्रष्टाचार और दबाव की सच्चाई को उजागर करता है।
उन्होंने मांग की कि न्याय की खातिर इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच करवाई जाए, ताकि दोषियों का असली चेहरा जनता के सामने आ सके और इस गहरी साजिश का पर्दाफाश हो सके। राणा ने कहा कि यदि सरकार ने इस मामले को दबाने की कोशिश की, तो जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और सरकार को इसका भारी राजनीतिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा।