
हिमाचल : बारिश और ओलावृष्टि से किसानों-बागवानों की फसलें बर्बाद
पोल खोल न्यूज़ | कांगड़ा
नूरपुर क्षेत्र में गत रात भारी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों-बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। इससे किसानों और बागवानों की गेहूं, सरसों और आम की फसल काे भारी नुकसान पहुंचा है। नूरपुर के क्षेत्र सुलयाली में बीती देर लगभग 12:00 बजे के बाद तेज बारिश व ओलावृष्टि हुई। इससे किसानों की गेहूं कि फसल जो कि खेतों में काटकर रखी थी, उसके दाने झड़ गए हैं और जो फसल खड़ी है, उसके दाने काले पड़ गए हैं। गौर हो कि इस बार शुरू में ही मौसम की बेरुखी के चलते किसानों ने देरी से फसल की बिजाई की थी और किसानों को उम्मीद थी कि कुछ न होने के चलते कुछ तो हाथ लगेगा, लेकिन बारिश और ओलावृष्टि ने सबकुछ बर्बाद कर दिया।
किसानों काे इस बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से काफी नुकसान होता नजर आ रहा है। किसानों-बागवानों ने संबंधित विभाग और सरकार से गुहार लगाई है कि इनकी फसलों का आकलन कर मुआवजा दिया जाए।
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वहीं, किसानों ने बताया कि कल रात ओलावृष्टि से हमारे क्षेत्र में फसलों को काफी नुकसान हुआ है। इससे गेहूं के काफी दाने खेतों में ही गिर चुके हैं। मेहनत करने के बावजूद किसानों को कुछ भी हासिल नहीं होगा। इस समय बरसात से किसानों का बहुत नुकसान हो जाता है, इसलिए सरकार से हमारी गुजारिश है कि जो हमारा नुकसान हुआ है, इसका मुआवजा दिया जाए।
वहीं, उन्होंने कहा कि ओलावृष्टि होने से हमारी सरसों की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है, काटने के लिए कुछ भी नहीं बचा। यही हाल हमारी गेहूं के साथ-साथ आम की फसल का भी हुआ है। कल रात जो बारिश और ओलावृष्टि हुई है, इससे आम के पेड़ों पर लग रहे आमों को भारी नुकसान पहुंचा है। अगर बारिश और ओलावृष्टि इसी तरह होती रही, तो हमारे फलदार पौधों पर लगे अंकुर पूरी तरह से झड़ जाएंगे।
वहीं, किसानों ने बताया कि कल रात इतनी जोर से बारिश और ओलावृष्टि हुई है, इससे आम और गेहूं की फसल बर्बाद हो गई है। आम की फसल तकरीबन दस फीसदी ही रह गई है और बाकी झड़ गई है। सरकार से हमारी यही गुजारिश है कि हमारी जो गेहूं और आम की फसल नष्ट हुई है, उसका उचित मुआवजा दिया जाए।