
हिमाचल में अब गौ सदन में पशु रखने पर मिलेगा पहले से ज्यादा अनुदान, गौ सदन खोलने पर सरकार देगी लाखों की सब्सिडी
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर खुले में घूमते बेसहारा पशुओं की समस्या बढ़ती जा रही है। खुले में घूमने वाले ये पशु खेतों में घुसकर फसलों को भी बर्बाद कर रहे हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। बता दें कि प्रदेश सरकार ने बेसहारा गौवंश की देखभाल और उनके कल्याण के लिए गौ सदनों में रखे गए पशुओं के मासिक चारा अनुदान को बढ़ाने का फैसला लिया है। जिसके तहत अब गौसदन में पशु रखने पर अनुदान राशि को 700 रुपये से बढ़ाकर 1200 रुपये किया गया है। यानी सरकार ने एक महीने में प्रति पशु 500 रुपए की वृद्धि की है, ताकि सड़कों में घूम रहे बेसहारा पशुओं को गौ सदन में रखे जाने पर सहारा मिल सके।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार पशु धन के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। गौ सदनों में पशु रखने पर चारा राशि बढ़ाने के इस फैसले से खेतों में बेसहारा घूमने वाले पशुओं को सहारा मिलेगा और फसलों को होने वाले नुकसान से भी बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने पशुधन कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं। गौ सदनों की स्थापना और विस्तार के लिए स्थानीय लोगों और संस्थाओं को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। नए गौ सदनों की स्थापना के लिए सरकार लोगों को 10 लाख रुपये अथवा परियोजना लागत की 50 फीसदी राशि अनुदान के रूप में प्रदान कर रही है। इसी प्रकार गौ सदन के विस्तार के लिए 5 लाख अथवा परियोजना लागत का 50 फीसदी अनुदान भी दिया जाता है। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इन प्रयासों को मजबूती देने के लिए शराब पर उपकर बढ़ाकर 2.50 रुपये प्रति बोतल किया है, जिससे प्राप्त अतिरिक्त राजस्व को गौ सेवा के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।
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सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सरकार पशुधन की सुरक्षा और किसानों के हितों को सर्वोपरि मानते हुए सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पशु खेतों में घुसकर खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है, जिससे किसान निराश हो कर खेती से विमुख होते जा रहे हैं। सरकार इस गंभीर समस्या को समझती है और इसे दूर करने के लिए निरंतर प्रभावी कदम उठा रही है। सीएम ने कहा कि चारे के लिए बढ़ाया गया अनुदान गौसदनों की स्थिति में सुधार लाने और प्रदेश में बेसहारा पशुओं की समस्या को कम करने में मददगार साबित होगा।