
हिमाचल में 621 स्कूल मर्ज, डाउन ग्रेड और बंद करने से सरप्लस हो गए इतने शिक्षक
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में 621 स्कूल मर्ज, डाउन ग्रेड और बंद करने से 1120 शिक्षक सरप्लस हो गए हैं। इन शिक्षकों को अन्य आवश्यकता वाले स्कूलों में स्थानांतरित किया जाएगा। बता दें कि शुक्रवार को राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई विभागीय समीक्षा बैठक में कम विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को लेकर शिक्षा निदेशालय की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। अब मुख्यमंत्री से चर्चा के बाद इस बाबत अधिसूचना जारी होगी। विद्यार्थियों की शून्य संख्या वाले 72 प्राइमरी, 28 मिडल और 3 उच्च स्कूल डिनोटिफाई (बंद) करने का फैसला लिया गया। दस विद्यार्थियों की संख्या वाले 443 स्कूल मर्ज करने और 75 स्कूलों का दर्जा करने को भी मंजूरी दी गई।
रोहित ठाकुर ने बताया कि शून्य दाखिलों वाले 103 स्कूल बंद और दस संख्या वाले 443 स्कूल मर्ज किए जाएंगे। दस विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों को दो से पांच किमी के दायरे में आने वाले अधिक दाखिलों वाले स्कूलों में समायोजित किया जाएगा। 72 प्राइमरी, 28 मिडल और तीन हाई स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या शून्य है। इन स्कूलों को बंद कर दिया जाएगा। 203 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या पांच से उससे कम है। इन स्कूलों को दो किमी के दायरे में आने वाले अन्य स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। पांच से कम विद्यार्थियों की संख्या वाले 142 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जिनके दाे किमी के दायरे में अन्य स्कूल नहीं हैं। इन्हें तीन किमी की दूरी पर मर्ज किया जाएगा।
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बता दें कि 92 मिडल स्कूलों में दस या उससे कम विद्यार्थी हैं, इन्हें तीन किमी, बीस विद्यार्थियों की संख्या वाले सात उच्च स्कूलों को चार किमी और पांच से दस बच्चों की संख्या वाले 39 उच्च स्कूलों का दर्जा कम कर मिडल कर दिया जाएगा। लड़के और लड़कियाें की कम संख्या वाले 78 स्कूलों को मर्ज कर सह शिक्षा स्कूल बनाया जाएगा। जिला और ब्लॉक स्तर पर 39 स्थानों में लड़के और लड़कियों के अलग-अलग स्कूल चल रहे हैं। इन स्कूलों को मर्ज कर सह शिक्षा बनाया जाएगा।
विद्यार्थियों की कम संख्या वाले 73 उच्च और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्जा कम किया जाएगा। एक वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या 25 से कम है। इसे मर्ज किया जाएगा। दस विद्यार्थियों की संख्या वाले 16 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों का दर्ज कम कर उच्च स्कूल बनाया जाएगा। यहां पढ़ने वाले बच्चों को पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले स्कूलों में दाखिले दिलाए जाएंगे। 18 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में पांच से कम विद्यार्थी मिले हैं। इन स्कूलों का दर्जा भी कम होगा। यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए नए स्कूल पांच किमी से अधिक दूरी पर स्थित हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं में 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों की वार्षिक इंक्रीमेंट रोकी जाएगी। स्कूल शिक्षा निदेशालय को ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार करने को कहा गया है। 16 जून को होने वाली समीक्षा बैठक में इस बाबत फैसला लिया जाएगा।