
Himachal : क्यूआर कोड स्कैन करो, सीधे पीएमओ ऑफिस पहुंचेगी शिकायत
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण में कोताही बरतने वाले अफसर और ठेकेदार नपेंगे। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चरण-4 में बनने वाली सड़कों के निर्माण में कोताही की शिकायत लोग अब सीधे भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय और पीएमओ कार्यालय में कर सकेंगे। वहीं, अब सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के बाद जीरो प्वाइंट पर बोर्ड में क्यूआर कोड लगेगा।
अगर सड़कों का कार्य नियमों में नहीं हुआ है या फिर सड़क निर्धारित समय से पहले ही खराब हो गई। ऐसी स्थिति में लोग क्यूआर कोड स्कैन कर अपनी शिकायत कर सकेंगे। यह शिकायत सीधे केंद्रीय मंत्रालय पहुंचेगी। सड़क निर्माण के दौरान जो अधिकारी और ठेकेदार रहे होंगे, उन दोनों पर कार्रवाई होगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय ज्वाइंट डायरेक्टर प्रदीप अग्रवाल की ओर से हिमाचल सरकार को यह पत्र भेजा गया है।
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हिमाचल प्रदेश में सड़कों की गुणवत्ता ठीक रहे, इसके चलते यह फैसला लिया गया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में हिमाचल की 1,103 बस्तियों के सड़कों के निर्माण के लिए ग्राउंड सर्वे रिपोर्ट को मंजूरी दी है। सरकार की ओर से 1,506 बस्तियों के सड़कों की रिपोर्ट केंद्र को भेजी गई थी। इसमें 400 सड़कों की रिपोर्ट रिजेक्ट हुई है, जबकि 103 बस्तियों की सड़कों पर अभी पेंच फंसा हुआ है। हालांकि, इन सड़कों की ग्राउंड सर्वे रिपोर्ट नए सिरे से तैयार की जा रही है। इसके बाद इन सड़कों के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार होगी। हिमाचल प्रदेश में 250 आबादी वाले क्षेत्रों को सड़क सुविधा से जोड़ा जा रहा है। चरण-तीन में जो सड़के छूट गई हैं, उन्हें भी चरण -4 में शामिल किया गया है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से विधायक प्राथमिकता सड़कों को तवज्जो दी जा रही है। विधायक अपने क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने के लिए विधानसभा में मामले उठाते रहे हैं। ऐसे में सरकार ने हर क्षेत्र को सड़क से जोड़ने का फैसला लिया है। प्रदेश सरकार के इस फैसले से लाखों लोग लाभान्वित होंगे।
क्यूआर कोड लागू करने की प्रक्रिया
- क्यूआर कोड पीएमजीएसवाई के सूचना बोर्ड पर शुरू और अंतिम स्थान पर चिपकाना होगा।
- सड़क उपयोगकर्ता अपने मोबाइल से इस क्यूआर कोड को स्कैन कर सकता है।
- सड़क की दो तस्वीरें खींचकर अपलोड करनी होंगी।