
हिमाचल प्रदेश में एनएच समेत 312 सड़कें अभी बंद, जानें मौसम का हाल
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के दौर थम गया है। हालांकि, बारिश के बीच चंबा-किलाड़ मार्ग पर बारिश होने से सतरूंडी नाले का बुधवार को जलस्तर बढ़ गया। इससे एचआरटीसी बसों और पर्यटक वाहनों में 10 यात्री और 50 से अधिक सैलानी तीन घंटे तक फंसे रहे। प्रदेश में गुरुवार सुबह 10:00 बजे तक एक एनएच सहित 312 सड़कें, 65 बिजली ट्रांसफार्मर और 221 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। गुरुवार से शनिवार तक प्रदेश में हल्की बारिश के आसार हैं। जिला शिमला में आज माैसम साफ बना हुआ है। 26 जुलाई से फिर मानसून के रफ्तार पकड़ने का पूर्वानुमान है। पठानकोट-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग नूरपुर में पहाड़ी दरकने से मंगलवार रात दो घंटे बाधित रहा। बुधवार को कांगड़ा, शिमला, ऊना में हल्की बारिश हुई।
राजधानी शिमला में बुधवार सुबह कई दिनों बाद धूप खिली। शाम के समय शहर में कुछ देर बादल बरसे। कांगड़ा जिले में बुधवार को सुबह से दोपहर तक बारिश का दौर जारी रहा। खराब मौसम के चलते दिल्ली से कांगड़ा हवाई अड्डा इंडिगो की एक फ्लाइट नहीं आई। बुधवार को इंडिगो और स्पाइस जेट की दो फ्लाइटें हवाई अड्डा पर पहुंचीं। कुल्लू में तीन दिन बारिश के बाद बुधवार दोपहर बाद मौसम साफ हुआ। भुंतर के लिए हवाई सेवा भी बुधवार को बंद रही। जिले में सड़कें बंद होने से जगह-जगह टमाटर, सेब व नाशपाती से भरे क्रेट मालवाहक वाहनों में फंसे हुए हैं।
वहीं, जिला हमीरपुर में मंगलवार रात को रुक-रुक कर बारिश होती रही और बुधवार को कुछ इलाकों में भी बारिश देखने को मिली। ऊना में बुधवार को सुबह करीब आधा घंटा कई स्थानों पर हल्की बारिश हुई। दोपहर के समय धूप निकल आई।
हिमाचल प्रदेश में इस मानसून सीजन में 20 जून से 23 जुलाई तक 137 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। 228 लोग घायल हुए हैं। 34 लोग अभी भी लापता हैं। इस दौरान 59 लोगों की सड़क हादसों में माैत हुई है। बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ से अब तक 1,517 कच्चे-पक्के घरों, दुकानों को क्षति हुई है। 1,066 गोशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। 1,333 पालतु पशुओं की माैत हुई है। नुकसान का कुल आंकड़ा 1382 करोड़ रुपये पहुंच गया है।
वहीं, किन्नौर कैलाश यात्रा बुधवार को फिर से शुरू हो गई है। खराब मौसम के चलते सोमवार और मंगलवार को यात्रा स्थगित कर दी गई थी। 417 यात्रियों ने किन्नौर कैलाश की यात्रा शुरू की। इनमें से 209 श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया, जबकि 208 ने ऑफलाइन माध्यम से अपना पंजीकरण करवाया था।