रजनीश शर्मा। हमीरपुर
जिला प्रशासन ने छात्रों के लिए तैयार किया प्लान; आज बाहरवीं के छात्रों के लिए होगी पहली परीक्षा, दसवीं के छात्रों के लिए फायदेमंद होगी योजना
एजुकेशनल हब कहे जाने वाले जिला हमीरपुर के बच्चों के लिए यहां के उपायुक्तों ने अपने-अपने कार्यकाल में कोई न कोई योजना चलाई है। वर्ष 2018 में तत्कालीन डीसी रिचा वर्मा ने जमा दो के स्टूडेंट्स के लिए करियर काउंसिलिंग की व्यवस्था शुरू की तो उनके बाद हमीरपुर के उपायुक्त रहे हरिकेश मीणा ने प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए उनके ही स्कूलों में कायाकल्प योजना शुरू की जिसके बड़े सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। उनके बाद डीसी देवश्वेता बनिक ने भी एनआईटी के साथ मिलकर बच्चों के लिए स्कूलों में प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी की मुहिम शुरू की। अब जिला के वर्तमान डीसी हेमराज बैरवा भी सरकारी स्कूलों के उन बच्चों के लिए योजना लेकर आए हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी तो करना चाहते हैं लेकिन पैसों की कमी के चलते वे महंगी अकादमियों में कोचिंग नहीं ले पाते। यह योजना दसवीं, जमा एक और खासकर जमा दो के स्टूडेंट्स के लिए काफी फायदेमंद होगी।
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बुधवार को पहली बार इस परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें केवल प्लस टू के बच्चे भाग लेंगे। भविष्य में हर महीने ऐसी प्रतियोगी परीक्षाएं होंगी। स्कूलों की ओर से इन्हें स्ट्डी मैटीरियल उपलब्ध करवाने में मदद की जाएगी। प्लस टू के बाद अधिकतर बच्चे जेईई, नीट समेत अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग अकादमियों में लेते हैं। धन संपन्न परिवार तो अपने बच्चों को कोचिंग दिला पाते हैं लेकिन जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवार हैं उनके बच्चे कोचिंग से वंचित रह जाते हैं। समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने योजना बनाई है कि स्कूल में हर माह एक टेस्ट कंडक्ट करवाकर पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि कौन सा बच्चा किस क्षेत्र में जा सकता है और उसे उस परीक्षा को पास करने में क्या दिक्कत आ रही है। हमीरपुर में मौजूदा समय में लगभग 100 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं जिनमें हजारों बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।