
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
चुनाव गारंटियों और व्यवस्था परिवर्तन के दम पर सत्ता में आई सरकार अपने वादों पर कितनी खरी उतरी है। हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार 11 दिसंबर को एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। प्रदेश की पुरानी व्यवस्था में कितना परिवर्तन हुआ है। आइये जानते हैं।
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के अब तक के एक साल के कार्यकाल में वन महकमे में कई नई स्कीमों को लांच करने के बाद धरातल पर उतारने के लिए कवायद शुरू हुई है। मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना और वन मित्र योजना के माध्यम से विभाग स्ट्रेंथन होगा। ड्राई हिल्स को हरा भरा बनाने के अतिरिक्त राज्य के प्रत्येक डिवीजन में एक-एक मॉडल नर्सरी तैयार करने की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा चुका है। प्रदेश सरकार आर्थिक तंगहाली के बावजूद विभागीय कार्यशैली को मजबूती प्रदान करने के मकसद से आगे बढ़ रही है। सरकार ने हर डिवीजन में एक एक मॉडल नर्सरी तैयार करने का निर्णय लिया है जिसके तहत बिलासपुर सर्किल में एक बिलासपुर और दूसरी कुनिहार डिवीजन में विकसित की जाएगी। इसके लिए स्पॉट चिहिंत किए जा चुके हैं। एक से डेढ़ हैक्टेयर एरिया में यह मॉडल नर्सरियां विकसित की जाएंगी। खास बात यह है कि एक मॉडल नर्सरी तैयार करने पर लगभग पचास लाख रूपए की लागत आने का अनुमान है। राज्य सरकार ने बिलासपुर सर्किल को दोनों मॉडल नर्सरियां तैयार करने की कवायद शुरू करने के लिए पहली किश्त के रूप में 10-10 लाख रुपए का बजट जारी किया है। इन नर्सरियों में लोकल प्लांट्स तैयार किए जाएंगे और इस बार प्लांट्स तैयार करने के लिए विभाग ने रूट ट्रेनर्स तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।
इस तकनीक के जरिए प्लांट्स जल्दी ग्रोथ करते हैं और रूट्स भी खराब नहीं होते। नर्सरी तैयार करने के लिए दो साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक नर्सरी में एक लाख से ज्यादा पौधे तैयार किए जा सकेंगे। विभागीय अधिकारियों की माने, तो नर्सरियों में तैयार प्लांट्स की डिमांड के आधार पर डिस्ट्रीब्यूशन की जाती है। सरकारी विभागों के अलावा लोगों को भी पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। स्कूलों में एनएसएस कैंप के लिए पौधे दिए जाते हैं। इसके अलावा एनएचएआई व रेलवे और एम्स जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स की ओर से भी डिमांड दिए जाने पर पौधे उपलब्ध करवाए जाते हैं। नर्सरियां विकसित होने से ज्यादा से ज्यादा पौधे तैयार किए जा सकेंगे और आगे लोगों को उपलब्ध करवाए जा सकेंगे। पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से यह योजना काफी कारगर है। (एचडीएम)
एफसीए के मामलों में आई तेजी
राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के तहत एक और कदम उठाया है, जिसके तहत एफसीए के मामलों तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इससे लंबित मामले निपटाने में अब ज्यादा समय नहीं लग रहा। वहीं, बीएसएनएल टावर स्थापित करने के लिए पेश आ रही अड़चनों को भी दूर किया है। पहले टावर लगाने की परमिशन केलिए एफसीए केस बनता था लेकिन अब एफआरए में परमिशन दी जा रही है और समयबद्ध जमीन मुहैया करवाई जा रही है।
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मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना
इस साल राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना के तहत प्रदेश भर में ड्राई हिल्स को हरा भरा बनाने के लिए चरणबद्ध ढंग से कार्य हुआ है। इसके तहत बिलासपुर जिला के विनायकघाट में 10 हेक्टेयर एरिया का चयन कर प्लांटेशन की गई और यह सारा कार्य पूरी योजना के साथ किया जा रहा है ताकि पौधे ग्रोथ कर सकें। आने वाले समय समय चरणबद्ध ढंग से प्लांटेशन का कार्य किया जाएगा।
कैबिनेट में फोरेस्ट गार्ड के 100 पद भरने का फैसला
राज्य सरकार ने विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति के मद्देनजर फोरेस्टगार्ड के 100 पद भरने का निर्णय कैबिनेट में लिया है। क्योंकि फॉरेस्टगार्ड के कई पद रिक्त चल रहे हैंं, इसके चलते कामकाज में दिक्कतें पेश आती हैं। इसलिए विभाग में फिलहाल 100 पद भरने की मंजूरी दी गई है। जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू होगी। इससे प्रदेश के जंगलों की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी।
सरकार लाई वन मित्र योजना
सुक्खू सरकार ने वन मित्र योजना लांच की। इसके तहत प्रत्येक बीट पर एक वन मित्र की नियुक्ति की जाएगी जिसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 30 दिसंबर तक आवेदन फार्म भरे जा सकेंगे और वन मित्र पद के लिए 18 से लेकर 25 साल तक आयु सीमा निर्धारित की गई है। बिलासपुर सर्किल में 124 पदों पर नियुक्ति की जाएगी, जिसके तहत बिलासपुर में 83 और कुनिहार डिवीजन में 41 पद भरे जाने प्रस्तावित हैं। खास बात यह है कि वन मित्र नियुक्ति के बाद इनकी हर दिन छह घंटे की डयूटी होगी और मासिक वेतन 10 हजार रुपए देय होगा। दरअसल, अभी तक विभाग में फॉरेस्टगार्ड से नीचे कोई पद नहीं था लेकिन पहली बार सरकार ने वन मित्र पद सृजित कर विभाग को स्ट्रेंथन करने की कोशिश की है।