
Diksha Thakur | Pol Khol News Desk
वशिष्ठ मंदिर / मनाली
हिमाचल प्रदेश खूबसूरत प्राकृतिक स्थलों से भरपूर है। यहां का मनाली पर्यटन स्थल पर्यटकों को खूब पसंद आता है। मनाली में प्राकृतिक पर्यटन स्थल के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन स्थल भी बहुत हैं जो पर्यटकों को खूब आकर्षित करते हैं, मनाली शहर से 3 किमी दूरी पर स्थित वशिष्ठ मंदिर मनाली का एक प्रमुख मंदिर है। यह मंदिर वशिष्ठ नाम के गांव में स्थित है जो अपने शानदार गर्म पानी के झरनों और वशिष्ठ मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर के पास स्थित गर्म पानी के झरनों को बेहद पवित्र माना जाता है और इसमें किसी भी बीमारी को ठीक करने की शक्ति है। वशिष्ठ मंदिर ऋषि वशिष्ठ को समर्पित है, जो भगवान राम के कुल गुरु थे।
यह मंदिर मनाली में सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। माना जाता है कि वशिष्ठ मंदिर 4000 साल से अधिक पुराना है। मंदिर के अंदर धोती पहने ऋषि की एक काले पत्थर की मूर्ति स्थित है। वशिष्ठ मंदिर को लकड़ी पर उत्कृष्ट और सुंदर नक्काशी से सजाया गया है इसके अलावा मंदिर का इंटीरियर एंटीक पेंटिंग के साथ अलंकृत हैं। यहां पर वशिष्ठ मंदिर के अलावा एक और मंदिर स्थित है जिसको राम मंदिर के रूप में जाना जाता है। इस मंदिर के अंदर राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां स्थापित हैं।
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वशिष्ठ मंदिर की कहानी
वशिष्ठ गुरु हिंदू धर्म के सात ऋषियों में से एक है और उनकी के नाम पर गांव का नाम रखा गया है। एक पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि वशिष्ठ इस बात से दुखी थे कि उनके बच्चों को विश्वामित्र ने मार दिया था। ऋषि वशिष्ठ ने एक नदी में कूदकर आत्महत्या करने की कोशिश की लेकिन नदी ने उन्हें मारने से मना कर दिया था। इसके बाद ऋषि ने यहां पर गांव में एक नया जीवन शुरू किया। जिस नदी में ऋषि आत्महत्या करने गए थे उसका नाम विपाशा था अब उसी नदी को ब्यास नदी के नाम से जाना जाता है।
प्रसिद्ध वशिष्ठ हॉट वाटर
वशिष्ठ हॉट वाटर स्प्रिंग इस स्थान के प्रसिद्ध आकर्षणों में से एक है। बता दें कि इस हॉट स्प्रिंग्स का अपना औषधीय महत्व है। स्प्रिंग्स कई त्वचा रोगों का इलाज करने के लिए जाना जाता है। बहुत से लोग अपनी त्वचा संक्रमण और बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए वशिष्ठ झरने में स्नान करने के लिए जाते हैं। यहां पर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए अलग-अलग बाथरूम भी बने हुए हैं।
ऐसे पहुंचें वशिष्ठ मंदिर
वशिष्ठ मंदिर मनाली से 3 किमी दूर स्थित है जहां सार्वजनिक वाहन टैक्सी या कैब से कर सकते हैं। वशिष्ठ मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंद्रनगर रेलवे स्टेशन है जो मनाली से लगभग 165 किलोमीटर दूर है। वशिष्ठ मंदिर जाने के लिए किराये की टैक्सी या कैब या सार्वजनिक वाहन की मदद ले सकते हैं। वशिष्ठ मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा भुंतर में कुल्लू मनाली हवाई अड्डा है, जो वशिष्ठ मंदिर से 55 किलोमीटर की दूरी स्थित है।
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सड़क मार्ग : दिल्ली से मनाली के लिए बसें आसानी से उपलब्ध हैं। दिल्ली से मनाली 570 किमी की दूरी पर है। शिमला, धर्मशाला, लेह और चंडीगढ़ से भी मनाली के लिए बस सेवाएं उपलब्ध हैं। अगर आप बस से सफर नहीं करना चाहते तो आप मनाली की यात्रा के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं। हालांकि ये सुनिश्चित करें कि चालक को पहाड़ी क्षेत्रों में ड्राइव करने का अनुभव है। मनाली से वशिष्ठ मंदिर जाने के लिए पर्यटक टैक्सी या कैब की मदद ले सकते हैं।
रेल मार्ग : अगर आप ट्रेन से वशिष्ठ मंदिर या मनाली जाने की योजना बना रहे हैं तो बता दें कि मनाली का निकटतम रेलवे स्टेशन अंबाला कैंट या चंडीगढ़ है। ट्रेन की मदद से चंडीगढ़ या अंबाला पहुंचने के बाद आपको मनाली के लिए बस से यात्रा करनी होगी।
वायु मार्ग : वशिष्ठ मंदिर मनाली का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। अगर आप वशिष्ठ मंदिर के लिए यात्रा हवाई जहाज से करना चाहते हैं तो बता दे कि इसका निकटतम हवाई भुंतर में कुल्लू मनाली हवाई अड्डा है जो वशिष्ठ मंदिर से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वशिष्ठ मंदिर जाने के लिए आप हवाई अड्डे से टैक्सी ले सकते हैं या फिर राज्य परिवहन द्वारा चलने वाली बसों से यात्रा कर सकते हैं।