
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
विधानसभा के शीत सत्र के तीसरे दिन वीरवार को तपोवन में सदन की बैठक की शुरुआत हंगामे से हुई। भाजपा के विधायक सदन के बाहर दूध के बर्तन लेकर प्रदर्शन करते रहे। इसके बाद 11 बजे सदन की बैठक शुरू हुई तो विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने प्रश्नकाल को शुरू करने से पहले व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि जब सत्र चल रहा था तो मंत्रिमंडल की बैठक की गई। सत्र के दौरान कैबिनेट की बैठक होती है, लेकिन ऐसा नहीं होता है कि विधानसभा की बैठक के बीच ही कैबिनेट की बैठक शुरू कर दी जाए। यह सदन की अवमानना है।
इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि बुधवार को मुख्यमंत्री एक कार्यक्रम में गए हुए थे तो उन्होंने जवाब देने के लिए उपमुख्यमंत्री को अधिकृत किया था। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष सदन में तो बैठे ही नहीं थे। यह कहना गलत है कि किसी को अधिकृत नहीं किया गया था। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष उस वक्त सदन में नहीं थे। सदन की बैठक को आगे बढ़ा दिया गया। इनके वक्त में भी इस तरह की बैठकें हो चुकी हैं।
यहां पर जवाब देने के लिए सभी मंत्री थे। केवल अखबार की सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा कर रहे हैं। विपक्ष को हिमाचल की जनता के मुद्दे उठाकर चर्चा में भाग लेना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि बैठक को सदन की अनुमति से ही आगे बढ़ाया गया। सदन ही सर्वोच्च है। मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भी नहीं। सदन के सभी सदस्यों की सहमति से बैठक आगे बढ़ाई गई। पिछले कल कुछ कमी देखी गई। हालांकि मुख्यमंत्री की ओर से उपमुख्यमंत्री को जवाब के लिए अधिकृत किया गया था। कुछ मंत्रियों ने ऐसा नहीं किया। भविष्य में इसका ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद 11:12 बजे प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू हुई।