
हमीरपुर। पोल खोल न्यूज
शिक्षा का हब कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में बढ़ रहे चिट्टा और चरस के मामलों से अभिभावक अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित दिख रहे हैं।
जिले के बाशिंदे भी पुलिस प्रशासन और सरकार से चिट्टा पर चोट करने का इंतजार कर रहे हैं। इस जिले में एक दर्जन कोचिंग संस्थान, एनआईटी, होटल मैनेजमेंट संस्थान, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी विश्वविद्यालय, उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय, राजकीय बहुतकनीकी महाविद्यालय समेत तीन दर्जन से अधिक निजी स्कूल और कॉलेज हैं।
यहां देश और प्रदेश के विभिन्न कोनों से बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं। जिले के बाहर से बच्चों के यहां आने से स्थानीय लोगों को भी बेहतर रोजगार के साधन उपलब्ध हो रहे हैं। यहां की इलेक्ट्रानिक्स की दुकानें से बच्चे मोबाइल व लैपटॉप खरीद रहे हैं। रेडिमेड गारमेंट्स, होटल-रेस्तरां उद्योग, टैक्स और पीजी सेंटर आदि क्षेत्र में इन बच्चों के कारण अच्छा कारोबार हो रहा है। व्यापार मंडल के प्रधान अनिल सोनी, उपाध्यक्ष अश्वनी जगोता, कोषाध्यक्ष सुमित ठाकुर, मनीष सोनी, नगर परिषद के अध्यक्ष मनोज कुमार मिन्हास, उपाध्यक्ष संदीप भारद्वाज समेत अन्य शिक्षाविदों ने प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और पुलिस से नशा माफिया के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है, ताकि हमीरपुर में स्थित शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के लिए अपने बच्चों को भेजने में किसी भी माता-पिता को कोई चिंता न सताए।
उधर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि पुलिस नशे के खिलाफ आए दिन शिक्षण संस्थानों में जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रही है। रात को नाके लगाकर भी संदिग्ध गतिविधियों पर पुलिस की नजर है। नशे के खिलाफ आए दिन पुलिस की कार्रवाई जारी है। इसके साथ ही समाज को भी जागरूक रहने की आवश्यकता है। लोगों के सहयोग से नशे के खिलाफ पूर्ण रूप से कार्रवाई संभव है। माता-पिता को भी अपने बच्चों की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।