भाजपा भगवान राम मंदिर पर राजनैतिक रोटियाँ सेकना बंद करे भाजपा… संदीप सांख्यान
रजनीश शर्मा | हमीरपुर
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस प्रवक्ता संदीप सांख्यान ने भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन के अवसर पर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि भाजपा इस मसले पर राजनीतिक रोटियाँ सेकना बंद करे। उन्होंने कहा है कि हम सनातनी है और भगवान राम सनातन संस्कृति का प्रतीक है। राम मंदिर उद्घाटन को राजनीतिक मसला बना कर भाजपा के नेता व्यर्थ का राजनैतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
अयोध्या में भगवान राम मंदिर का मंदिर बनना सौभाग्य की बात है और इसकी पृष्टभूमि देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव ग़ांधी ने गढ़ी थी जब साल 1986 में मंदिर के कपाट खुलवाए थे और उस समय उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरबहादुर सिंह थे। साल 1992 दिसंबर 6 को वहाँ पर मौजूद मस्जिद का ढांचा विश्व हिंदू परिषद ने कारसेवा का बहाना लेकर गिराया था और इस कारसेवा के दौरान करीब दो हज़ार लोंगो को अपनी जान गवानी पड़ी थी।
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संदीप सांख्यान ने कहा कि तत्कालीन देश के प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहराव ने साल 1993 को इस मंदिर के लिए 2.77 भूमि का अधिग्रहण करके 60.70 एकड़ भूमि के साथ में सरकारी कब्जे में लेकर मंदिर, पुस्तकालय, संग्रहालय व अन्य संस्थानों और जनसुविधाओं के लिए अधिनियम बना कर अधिग्रहण कर ली थी यह जिस पर तत्कालीन देश के महामिम राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने मंजूरी दी। लेकिन तब भी भाजपा का रवैया नकारात्मक ही रहा। उसके उपरांत भाजपा ने राम मंदिर को राजनीतिक मुद्दा बना लिया। राम मंदिर का मामला माननीय उच्च न्ययालय के विचारधीन हो गया।
अब जब 6 अगस्त से 16 अक्टूबर साल 2019 को इस मामले पर 40 दिन सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला संविधान पीठ द्वारा 45 मिनट तक सुनाया गया तो 1045 पन्नों के फैसले ने देश के इतिहास के सबसे अहम और एक सदी से ज्यादा पुराने विवाद का अंत कर दिया। तो इसमें भाजपा का क्या रोल है सिर्फ राजनैतिक रोटियाँ सेकना ही। सुप्रीम कोर्ट की इस संविधान पीठ में चीफ जस्टिस गोगोई, जस्टिस एस.ए बोबोडे, जस्टिस डी.वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एस. अब्दुल. नजीर शामिल थे। इस फैसले के अनुसार भगवान राम का मंदिर वहीं बनवाया जाए जहाँ उनका स्थान है।
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संदीप सांख्यान ने कहा कि यह वही स्थान है जिसको साल 1993 को देश में कांग्रेस की सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे पी वी नरसिंहराव ने भगवान राम के मंदिर के लिए भूमि अधिग्रहण किया था। उसी विवादित 2.77 एकड़ जमीन भगवान राम का मंदिर बनाया गया है तो ऐसे में भाजपा के नेता बताएं माननीय उच्चतम न्यायालय के फैसले पर राजनीतिक रोटियाँ क्यों सेकी जा रही है।