रजनीश शर्मा । हमीरपुर
नशा मनुष्य के सोचने समझने की शक्ति के साथ ही पूरे शरीर पर प्रहार करता है। इसका प्रहार इतना प्रखर होता है कि धीरे धीरे शरीर ही नष्ट हो जाता है। यह एक ऐसा धीमा जहर होता है कि लोग जब तक इसके दुष्परिणामों को समझ पाते हैं तब तक उनका अंत हो जाता है। शहरों, कस्बों में जहाँ लगातार नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान बच्चों एवं प्रशासन द्वारा चलाए जाते हैं जिससे भले ही कुछ परिवर्तन वहां हो सकते हैं लेकिन देश की 70 प्रतिशत जनता आज भी गांवों में निवास करती हैं जहाँ 80 प्रतिशत लोग नशे के आदि होते हैं। जिन्हें जागरूक किए बिना कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है।
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इसी लक्ष्य को साधने अब राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी के स्काउट्स एवं गाइड्स, निश्चय प्रोजेक्ट “व्यसनों से परे – एक नशा-मुक्त दृष्टि” के अंतर्गत स्काउट मास्टर सतीश राणा और गाइड कैप्टेन कुसुम लता के मार्गदर्शन में शीतकालीन अवकाश में अपने अपने गाँव में नशा मुक्ति को लेकर घर-घर जाकर लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के साथ साथ उन्हें नशा न करने का संकल्प भी दिला रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने कहा कि आज विवेकांनद जयंती जिसे भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाया जाता है, के शुभअवसर पर युवाओं के माध्यम से ही नशे के खिलाफ लड़ाई घर घर तक पहुंचाने का कार्य ये स्काउट्स गाइड्स कर रहे हैं। क्यूंकि यही युवा अगर अपनी शक्ति को सही तरीके से आजमाएंगे तो समाज में सकारात्मक वदलाव ला सकते हैं। अगर वर्तमान परिवेश पर नजर डालें तो छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवा और बूढ़े सभी नशे के आदी हो रहे हैं इसलिए अगर इन्हें शुरू से ही नशे के दुष्प्रभाव और सामाजिक, आर्थिक, शारीरिक नुकसान से अवगत कराया जाए, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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हमें गर्व है कि हमारी इकाई समाज को नशा मुक्त करने हेतु सजग प्रहरी की भूमिका निभा रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिस तरह से हमने आने वाली युवा पीढ़ी को नशामुक्ति अभियान से जोड़ा है, तो इसका सार्थक परिणाम भी देखने को मिलेगा I भरनोट गाँव की 96 वर्षीय तुलसी देवी और बारीं गाँव के जयराज ,हरवंश का कहना था कि उन्हें इस बात की बेहद ख़ुशी एवं गर्व है कि उनकी तीसरी पीढ़ी सूर्या,सारिका पूनम, प्रियांशु, वासु इत्यादि हम बुजुर्गों के साथ साथ युवाओं को इस नशाखोरी के बारे में सचेत कर रहे हैं।