
पोल खोल न्यूज़ | बिलासपुर
हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान एम्स बिलासपुर में दिल के मरीजों को जल्द ही कैथीटेराइजेशन प्रयोगशाला (कैथ लैब) की सेवाएं मिलना शुरू हो जाएंगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया लैब का 3 फरवरी को ऑनलाइन शुभारंभ करेंगे। हालाँकि एम्स प्रबंधन इस लैब को एक माह तक ट्रायल स्तर पर चलाएगा। ट्रायल सफल रहा तो मरीजों को नियमित सेवा मिलना शुरू हो जाएगी।
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इसके शुरू होने से दिल के मरीजों को बिलासपुर एम्स में ही इलाज मिल सकेगा। एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी जैसी सुविधाएं मरीजों को मिलेंगी। निजी अस्पतालों में महंगे दाम पर यह सेवाएं लेने से भी छुटकारा मिलेगा। आधुनिक लैब कार्डियो के मरीजों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाएगी। खास बात यह है कि वर्तमान में एम्स जैसे संस्थान में बनाई जाने वाली कैथ लैब की मशीनें सटीक कार्य करती हैं। इससे न केवल रेडिएशन कम होगा, बल्कि हार्ट संबंधी बीमारियों के मरीजों के एंजियोप्लास्टी और एंजियोग्राफी में लगने वाला समय आधा रह जाएगा।
बताते चलें कि हृदय संबंधी समस्याओं के इलाज में कैथ लैब महत्वपूर्ण है। यहां हृदय संबंधी बीमारी की पहचान और इलाज के लिए संक्रमण के कम जोखिम वाले परीक्षण और ऑपरेशन किए जाते हैं। कैथेटर छोटी, लचीली ट्यूब होती है, जिसका उपयोग कैथ लैब में की जाने वाली प्रक्रियाओं में किया जाता है। हृदय और रक्त वाहिकाओं तक पहुंचने के लिए सर्जरी के बजाय इन कैथेटर्स का उपयोग किया जा सकता है।
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एम्स प्रबंधन ने बताया कि एम्स बिलासपुर में अत्याधुनिक कैथ लैब को इंस्टॉल कर दिया गया है। इसे ट्रायल स्तर पर शुरू करने की अन्य सभी औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री 3 फरवरी को इसका ऑनलाइन लोकार्पण करेंगे। इसके बाद इसे एक माह तक ट्रायल स्तर पर शुरू किया जाएगा। अगर ट्रायल सफल रहा तो इस लैब की सेवाओं को नियमित तौर पर शुरू कर दिया जाएगा।