अपनी रुचि, कौशल और योग्यता का आकलन करते हुए चुनें अपना करियर विकल्प : रजनीश रांगड़ा
पोल खोल न्यूज़ | हमीरपुर
दसवीं कक्षा में पढने वाले प्रत्येक छात्र के जीवन में यह पड़ाव एक महत्वपूर्ण है क्यूंकि उनके सामने एक बड़ा प्रश्न उनके सुनहरे भविष्य की नींव रखता है विज्ञान, वाणिज्य या कला? 10वीं कक्षा के बाद मैं 11वीं कक्षा में कौन सी स्ट्रीम चुनूं? मेरे करियर का अंतिम लक्ष्य क्या है? इस मोड़ पर कुछ बच्चे,उनके माता पिता या अभिभावक इस बारे में स्पष्ट हो सकते हैं कि आप अपने जीवन में क्या चाहते हैं, लेकिन दूसरी ओर, बहुत सारे ऐसे भी होते हैं जो खुद को अपने करियर के चौराहे पर पाते हैं और 10वीं के बाद आगे क्या होगा, इसके बारे में अनजान महसूस कर सकते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि बहुत सारे करियर विकल्पों की उपस्थिति में वे थोड़ा बहुत भ्रमित हो जाएं I
इस समय वे जीवन की एक ऐसी राह पर खड़े होते हैं जहां इन छात्रों को अपने भावी जीवन और करियर लाइन के बारे में सबसे उपयुक्त निर्णय लेना होता है ताकि उनका भावी जीवन सुखी और समृद्ध बन सके इसी भ्रम को दूर करने के लिए और सर्वोत्तम करियर पथ पर मार्गदर्शन करने के उदेश्य से स्वर्ण जयंती राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (उत्कृष्ट) टौणी देवी के कैरियर काउंसलिंग सेल ने डीएवी(10) ,लिटिल एंजेल पब्लिक स्कूल(32) और अपने स्कूल(42) के दसवीं कक्षा के 84 विधार्थियों के लिए पेपर के बाद एक सेमिनार का आयोजन किया गया अपने संबोधन में प्रधानाचार्य श्री रजनीश रांगड़ा ने कहा इस वक़्त अपनी रुचि और योग्यता का आकलन करना और करियर की आवश्यकताओं की समझ के साथ उसका मिलान करना महत्वपूर्ण है। यदि आप केवल अपनी रुचियों के आधार पर कोई स्ट्रीम चुनते हैं और आपके पास सही कौशल और क्षमताएं नहीं हैं, तो यह भविष्य में समस्या पैदा कर सकता है। इसलिए इसके बारे में बेहतर विचार प्राप्त करने के लिए अपना आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन से क्षेत्र हैं, जिनमें आप स्वाभाविक रूप से अच्छे हैं, और वे कौन से क्षेत्र हैं जो अकसर आपके लिए बाधा बनते हैं।
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इसलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने सीनियर्स, अध्यापकों या माता-पिता तथा अभिभावकों की राय अवश्य लेनी चाहिए I सेल के नोडल अधिकारी बलबीर कुमार ने बताया कि कभी कभी छात्र-छात्राएं अपने जीवन में हर्ड मेंटालिटी ( झुण्ड मानसिकता) के दबाव में आकर उस संकाय का चुनाव कर लेते हैं जो उनकी रूचि तथा क्षमता के बिलकुल विपरीत होता है लेकिन चूँकि उनके मित्र भी इसे ही चुनते हैं,इसलिए वे भी ऐसा करते हैं जोकि पूरी तरह से एक गलत प्रैक्टिस है और इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं I इसलिए हमेशा अपनी रुचि,योग्यता और क्षमता के अनुरूप ही किसी स्ट्रीम का चयन करें ताकि आप बेहतर परिणाम पा सकें I प्रवक्ता हेम लाल ने विज्ञान संकाय के महत्व को दर्शाते हुए कहा कि विज्ञान अधिकांश छात्र-छात्राएं का पसंदीदा विषय होता है और लगभग हर माता पिता यही चाहते हैं कि उनका बच्चा विज्ञान विषय से ही पढ़ाई करे I यह स्ट्रीम छात्रों को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी और कंप्यूटर विज्ञान जैसे कई आकर्षक करियर के विकल्प प्रदान करती है।
वहीँ वाणिज्य संकाय पर प्रवक्ता संजीव ठाकुर ने बताया कि यदि स्टैटिक्स, फायनांस या इकोनॉमिक्स के फील्ड में जाना चाहते हैं तो वाणिज्य संकाय को चुने अगर करियर की बात की जाय तो कॉमर्स स्ट्रीम से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी, एकाउंटेंट्स, निवेश बैंकिंग और वित्तीय सलाहकार जैसे कुछ सबसे अधिक आकर्षक और उच्च भुगतान वाली नौकरियों में जाया जा सकता है कला संकाय की ओर से प्रवक्ता सोनू गुलेरिया एवं लीना देवी ने बच्चों को अवगत करवाते हुए कहा कि इस क्षेत्र में आकर्षक और संतोषजनक अवसरों के चलते इस विषय को लेकर लोगों की धारणा बदली है तथा अधिकतर छात्र-छात्राएं आर्ट्स विषय लेना पसंद कर रहे हैं. एक आर्ट्स का स्टूडेंट आई ए एस,वकील, राजनेता,जर्नलिज्म, लिटरेचर, सोशल वर्क, एजुकेशन और कई अन्य करियर विकल्पों का चयन कर सकता है I