अल्केमिस्ट ग्रुप फर्जीवाड़ा मामले में बड़ी कार्यवाही, ईडी ने की शिमला और सिरमौर की प्रॉपर्टी अटैच
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल में प्रवर्तन निदेशालय ने अल्केमिस्ट ग्रुप फर्जीवाड़ा मामले में बड़ी कार्यवाही की है। बता दें कि ईडी ने अल्केमिस्ट ग्रुप फर्जीवाड़ा मामले में कंपनी की हिमाचल सहित हरियाणा और मध्य प्रदेश में कंपनी की 29 करोड़ की चल और अचल संपत्ति अटैच की है। इनमें हरियाणा के पंचकूला में 18 फ्लैट, हिमाचल प्रदेश के शिमला ग्रामीण और सिरमौर में कुल 328 बीघा जमीन भी शामिल है।
आपको बता दें कि अल्केमिस्ट ग्रुप कंपनी के मालिक टीएमसी के पूर्व राज्य सांसद केडी सिंह हैं। अल्केमिस्ट ग्रुप कंपनी ने हिमाचल, हरियाणा के अलावा मध्य प्रदेश में भी प्रॉपर्टी खरीदी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने अल्केमिस्ट ग्रुप फर्जीवाड़ा मामले में काफी समय से जांच कर रही है। गौरतलब है कि ईडी ने इससे पहले हिमाचल में छात्रवृत्ति घोटाले में भी छापेमारी की थी।
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वर्ष 2013 से 2019 के बीच हुए हिमाचल में हुए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय यानी एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में एक साथ रेड की थी। ईडी के पास यह मामला 2019 में आया था। जब सीबीआई जांच के दौरान मनी लॉन्ड्रिंग का शक हुआ था। इससे पहले सीबीआई इस मामले में अपने स्तर पर छापेमारी कर चुकी है। मामले में अब तक करीब 10 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। लेकिन ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत कार्रवाई शुरू की है, एक बार फिर अब अल्केमिस्ट ग्रुप का फर्जीवाड़ा मामले में ईडी ने छापेमारी की है।
बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य केडी सिंह की अल्केमिस्ट समूह से जुड़ी 29.45 करोड़ रुपये की संपत्तियां ईडी ने कुर्क की हैं। अटैच की गई संपत्ति में एक प्लेन, हरियाणा के पंचकूला में 18 फ्लैट और हिमाचल के शिमला में जमीन शामिल है। इससे पहले ईडी ने 10.29 करोड़ रुपये भी जब्त किए थे। हिमाचल के शिमला में 250 बीघे और सिरमौर में 78 बीघे जमीन भी कुर्क की गई है। मामले में हजारों निवेशकों से करोड़ों रुपये बटोरने वाली 18 कंपनियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
ईडी ने सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। जांच में पता चला कि मेसर्स अल्केमिस्ट होल्डिंग्स लिमिटेड और इसकी कंपनियों ने निवेशकों से अच्छे रिटर्न देने के वादे पर 1800 करोड़ रुपए की जमा किए थे। लोगों को प्लॉट और विला देने का वादा भी किया गया था, लेकिन निवेशकों को कुछ भी नहीं मिला। ईडी की जांच में पाया कि अल्केमिस्ट समूह ने कई फर्जी कंपनियां बनाई थीं। अल्केमिस्ट समूह ने तीसरे पक्ष के नाम पर बड़े-बड़े प्लॉट खरीदे थे।