शिमला। Pol Khol Beauro
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति पद के लिए रखी गई नई शर्तों के चलते कई दावेदार बाहर हो जाएंगे। इन शर्तों के शामिल किए जाने से जहां योग्य, प्रशासनिक अनुभव वाला कुलपति विश्वविद्यालय को मिलेगा। वहीं, दूसरी ओर इस पद के लिए दावेदारों की लंबी फेहरिस्त छोटी हो जाएगी। वीसी पद के लिए दस साल बतौर प्रोफेसर और समक्षक की अनिवार्य शर्त के साथ ही पांच साल तक उच्च अध्ययन संस्थान में बतौर प्रोफेसर के रूप में अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, विवि के संस्थानों के निदेशक के रूप में प्रशासनिक जिम्मेवारी पूरी करने की शर्त दावेदारों पर भारी पड़ेगी।
ऐसे बहुत कम शिक्षक हैं, जो प्रोफेसर रहते हुए प्रशासनिक जिम्मेवारी पांच साल तक पूरी कर चुके हों। आम तौर पर विवि में सह आचार्य स्तर के शिक्षक को भी ये जिम्मेवारी सौंपी जाती है, लेकिन उनकी ये सेवाएं तय शर्त के अनुरूप नहीं होंगी। कुलपति पद के लिए तय की पात्रता की तीसरी शर्त को पूरा करने वाले भी चंद शिक्षक ही होंगे। जिसमें विवि के सांविधानिक पद जैसे अधिष्ठाता अध्ययन, अधिष्ठाता छात्र कल्याण, चीफ वार्डन और कुलसचिव, डीन सीडीसी, डीन प्लानिंग रह चुके शिक्षक भी गिने चुने ही हैं। हालांकि एकेडमिक काउंसिल, कार्यकारिणी परिषद और बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट में जिम्मेवारी निभाने वाले शिक्षक शायद उपलब्ध हों।
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माना जा रहा है कि इससे विवि को कुशल प्रशासक कुलपति मिलने की उम्मीद है। दावेदारों में जरूर निराशा होगी। इससे उनकी दावेदारी कम हो रही है। जानकार कुलपति पद के विज्ञापन में शामिल की गई आपराधिक रिकाॅर्ड न होने और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर किसी भी तरह की जांच न होने को लेकर शपथ पत्र दिए जाने की शर्त को भी सकारात्मक और विवि के हित में करार दे रहे हैं।