
छोटी इकाइयां बनाकर चूना पत्थर भंडारों की नीलामी करेगी प्रदेश सरकार
पोल खोल न्यूज़ डेस्क। शिमला
प्रदेश सरकार निवेशकों को आकर्षित करने के लिए छोटी इकाइयां बनाकर चूना पत्थर भंडारों को नीलाम करेगी। प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में स्थित चूना पत्थर भंडारों में खनन को लेकर निवेशक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। खनन पट्टों की नीलामी कर राजस्व जुटाने और रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने चूना पत्थर भंडारों की तीन या तीन से अधिक छोटी इकाइयां बनाने का फैसला लिया जाएगा। इससे बेस ऑक्शन अमाउंट कम हो जाएगा। निवेशकों के लिए इन परियोजनाओं को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
बता दें कि अगले सप्ताह इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। सोलन के अर्की क्षेत्र में शेरपुर, मंडी जिले के करसोग के निकट सुन्नी और चंबा जिले में ब्रोह शिंद में चूना पत्थर भंडार में खनन पट्टों की नीलामी की जानी है। लंबे समय से सरकार चूना पत्थर भंडारों की नीलामी करने का प्रयास कर रही है, लेकिन लागत अधिक होने के चलते निवेशक पशोपेश में होने के कारण नीलामी में भाग नहीं ले रहे। अर्की में स्टील-ग्रेड चूना पत्थर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जिसका उपयोग स्टील बनाने में किया जाता है।
वहीं, उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान चूना पत्थर भंडारों के खनन पट्टों की नीलामी से सरकार को राजस्व मिलेगा। प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। निवेशक रुचि दिखाएं इसके लिए चूना पत्थर भंडारों की छोटी इकाइयां बना कर नीलामी करने का निर्णय लिया गया है।
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अगस्त माह में प्रदेश सरकार ने माइनिंग लीज की नीलामी के लिए मैटल स्क्रैप ट्रेड काॅर्पोरेशन लिमिटेड (एमएसटीसी) के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर किया था। एमएसटीसी भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय का उपक्रम है। इस समझौते के तहत प्रदेश में खनन पट्टे (माइनिंग लीज) और कंपोजिट लाइसेंस की ई-ऑक्शन सुविधा उपलब्ध होगी। चूना पत्थर खदानों की नीलामी भी एमएसटीसी के माध्यम से ही होगी।