
दो साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले ही बनेंगे प्री प्राइमरी प्रशिक्षक
पोल खोल न्यूज़। शिमला
दो साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले ही प्री प्राइमरी प्रशिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए पात्र होंगे। बता दें कि एनसीटीई की वेबसाइट पर दर्शाए गए मान्यता प्राप्त संस्थानों से ट्रेनिंग करने वालों को ही नौकरी का मौका मिलेगा। स्कूल शिक्षा निदेशालय ने भर्ती से संबंधित नियम-शर्तों को लेकर राज्य इलेक्ट्राॅनिक्स काॅरपोरेशन को पत्र भेज दिया है। काॅरपोरेशन ने भर्ती को लेकर नियम स्पष्ट होते ही साक्षात्कार लेने वाली निजी कंपनियों को चयनित आवेदकों की सूची तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं। हिमाचल प्रदेश में 14 निजी कंपनियों के माध्यम से 6,297 प्री प्राइमरी प्रशिक्षकों की भर्ती होनी है। इसके लिए राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ने शिक्षा खंड आधार पर भर्तियां करने के लिए कंपनियों का चयन किया था।
बता दें कि जून-जुलाई में साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी की गई। 21 से 45 वर्ष की आयु के बारहवीं कक्षा में 50 फीसदी अंक प्राप्त करने वाले हिमाचली भर्ती के लिए पात्र हैं। साक्षात्कार के आधार पर आवेदकों को चुनने के लिए काॅरपोरेशन की ओर से शिक्षा निदेशालय से कुछ बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। शिक्षा निदेशक आशीष कोहली की ओर से काॅरपोरेशन को भेजे पत्र में बताया गया कि दो साल की नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करने वाले ही भर्ती के लिए पात्र होंगे। इसके अलावा नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर ट्रेनिंग की वेबसाइट पर दर्शाए गए मान्यता प्राप्त संस्थानों से ही ट्रेनिंग करने वालों को पात्र माना जाएगा। मान्यता प्राप्त संस्थान से नर्सरी शिक्षक शिक्षा, प्री-स्कूल शिक्षा, प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा कार्यक्रम (कम से कम दो वर्ष का) में डिप्लोमा या बीएड (नर्सरी) होना चाहिए। एससी, एसटी, ओबीसी, पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए योग्यता अंकों में पांच प्रतिशत की छूट रहेगी।
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प्रदेश के बाहर के संस्थानों से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को वास्तविक हिमाचली होना आवश्यक रहेगा। स्कूलवार रिक्तियां स्कूल शिक्षा निदेशक निर्धारित करेंगे। करों और सेवा प्रदाता शुल्क सहित 10 हजार का मासिक पारिश्रमिक तय किया गया है। इसमें एजेंसी चार्जेज, जीएसटी, अन्य खर्च शामिल हैं। प्रत्येक जिले में स्कूल शिक्षा के उपनिदेशक के समग्र नियंत्रण में रहते हुए प्रशिक्षक स्कूल के सबसे वरिष्ठ शिक्षक की देखरेख में काम करेंगे। सरकार की मंजूरी के बिना किसी भी प्रशिक्षक को वियोजन से मुक्त नहीं किया जा सकेगा। नामांकन भिन्नता या प्रशासनिक कारणों से प्राथमिक शिक्षा निदेशक के परामर्श से स्थानांतरण हो सकेंगे।