
निरमंड के नोनू में भूस्खलन से मकानों और सेब बगीचों को नुकसान, जानें मौसम का हाल
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के निरमंड खंड के तहत कुशवा पंचायत 15/20 के नोनू गांव में भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। वहीं, भूस्खलन की चपेट में आने से तीन घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सूचना मिलते ही प्रशासन और राजस्व की टीम मौके के लिए रवाना हुई। फिलहाल किसी तरह के जानी नुकसान होने की सूचना नहीं है। रात करीब 3:00 बजे भूस्खलन हुआ। तीन मकानों में चरणदास, सुरजीत और राजीव कुमार रह रहे थे। वहीं राजीव कुमार के 3,540 फलदार सेब के पेड़ों को को भी नुकसान पहुंचा है। उधर, एसडीएम निरमंड मनमोहन ने बताया कि नोनू में भूस्खलन से लोगों के घरों मे मलबा गिरा है। इसके आलावा सेब के बगीचों को भी नुकसान हुआ है। राजस्व की टीम को मौके पर भेज दिया है।
बता दें कि भारी बारिश के अलर्ट के कारण मनाली उपमंडल के सभी शिक्षण संस्थानों में आज अवकाश घोषित किया गया है। क्षेत्र में लगातार जारी बारिश के चलते लोगों की दुश्वारियां बढ़ गई है। राज्य में सोमवार सुबह 10:00 बजे तक एक नेशनल हाईवे सहित 310 सड़कें बाधित रहीं। 113 बिजली ट्रांसफार्मर व 236 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 171 सड़कें बाधित हैं। चंबा में 88 व कांगड़ा जिले में 60 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हैं।
ये भी पढ़ें: टौणी देवी में बारिश के चलते गिरा पेड़ गिरा, रेन शेड क्षतिग्रस्त
बताते चलें कि भारी बारिश ने पड़ोह क्षेत्र के हाईवे के साथ बसे लोअर 9 मील में दहशत का माहौल पैदा कर दिया। उफान पर आए जागर नाले में कारण 10:00 बजे चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पूरी तरह से बंद हो गया। नाले से बडे़-बड़े पत्थर हाईवे पर आ गए जिससे हाईवे के नीचे बना पानी का कलवर्ट बंद हो गया। पानी का बहाव मुड़कर लोअर 9 मील की ओर हो गया। इससे लोअर 9 मील में 13 परिवारों ने पूरी रात डर के साए में काटी। हालांकि, एनएच को रात करीब 11:00 बजे के आसपास मार्ग को अस्थायी रूप से बहाल किया गया, जिसके बाद कुछ हद तक लोगों ने राहत की सांस ली। 9 मील निवासी सूरत राम ने बताया कि 2023 से ही इस नाले की ये स्थिति बनी हुई है। उन्होंने डीसी मंडी से अपील की है कि जागर नाले में मौजूद बड़े पत्थर को जल्द से जल्द तोड़ा जाए ताकि नाले का बहाव अवरुद्ध न हो। इसके साथ ही लोगों ने नाले पर बनी सड़क की पुलिया को पूरी तरह से साफ करने का अनुरोग किया है। स्थानीय सूरत राम व अन्य गांववासियों ने प्रशासन से मांग की है कि इस संवेदनशील क्षेत्र में स्थायी समाधान किया जाए।
भरमौर-पठानकोट हाईवे परिहार के समीप पहाड़ी दरकने से यातायात के लिए बंद पड़ गया। हाईवे पर भूस्खलन से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। इस कारण चंबा से पठानकोट, शिमला, कांगड़ा जाने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं बाहरी जिलों, राज्यों से आने वाली बसों के पहिये भी थम गए। सूचना मिलने के बाद बनीखेत और चंबा की ओर से हाईवे प्रबंधन की मशीनरी मौके के लिए रवाना हुई। हाईवे प्रबंधन चंबा मंडल के अधिशासी अभियंता मीत कुमार ने बताया कि हाईवे बहाल किया जा रहा।