
टौणी देवी के बच्चों की रचनात्मक जुगाड़ से पर्यावरण बचाने की मुहिम
रजनीश शर्मा | टौणी देवी
इस वक़्त पर्यावरण का संकट हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती के रुप में उभर रहा है और अगर पर्यावरण को बचाना है तो हम सबको मिलकर प्रयास करना होगा। ऐसा ही प्रयास राजकीय उत्कृष्ट माध्यमिक पाठशाला टौणी देवी के नन्हे स्काउट एवं गाइड अपने स्काउट मास्टर सतीश राणा और गाइड कैप्टेन कुसुम लता के मार्गदर्शन में घर में पड़े बेकार सामान से पौधों के लिए गमले बना कर कर रहे हैं।
यह जानकारी देते हुए प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने बताया कि स्कूल का उद्देश्य पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाना है। पढ़ाई के अलावा बच्चों को यह भी सिखाया जाता है कि आसपास पड़ी कोई भी वस्तु बेकार नहीं है। हम उसका उपयोग कर कई तरह की वस्तुएं बना सकते हैं। इससे ना केवल हमें खूबसूरत उत्पाद मिलेगा बल्कि हमारा पर्यावरण प्रदूषित होने से भी बचेगा वैसे भी आज के बच्चे प्रकृति का मोल समझते हैं। उन्हें पता है कि पेड़ पौधे कितने जरूरी हैं।
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इसलिए वे इस तरह की गतिविधियों में न केवल बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अपितु पेड़-पौधों की देखभाल करना भी सीखते हैं। साथ ही उन्हें पर्यावरण से भी लगाव होता है। वहीँ गमले बना कर पौधे लगाने वाले बच्चों तान्या, शिवानी, अंशिका, आदित्य, रितिका, सूर्य, गुरप्रीत, पायल, प्रांजलि, रोहित इत्यादि का कहना था कि स्काउटिंग के 9 नियमों में एक नियम “स्काउट पशु-पक्षियों का मित्र और प्रकृति प्रेमी होता है” हमें ऐसे कार्य करने की प्रेरणा देता है।