कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में फंड की कमी से लटके प्राकृतिक खेती पर शोध कार्य
पोल खोल न्यूज़ | पालमपुर
हिमाचल प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में प्राकृतिक खेती को लेकर सरकार से अब फंड नहीं मिल रहा है। इस कारण कृषि विवि में प्राकृतिक खेती पर होने वाले शोध कार्य धीमे पड़ गए हैं। हालांकि कृषि विभाग की ओर से आतमा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती की जानकारी दी जा रही है, लेकिन कृषि विवि के विशेषज्ञों के शोध कार्यों से मिलने वाला फायदा अब किसानों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। कृषि विवि पालमपुर में करीब 2018 से प्राकृतिक खेती पर कार्य शुरू हुआ था। इस कार्य पर पूर्व भाजपा सरकार की ओर से तीन करोड़ और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की ओर से 20 करोड़ रुपये कृषि विवि पालमपुर को दिया जा चुका है।
सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार के कृषि सचिव और निदेशक ने कृषि विवि का दौरा कर प्राकृतिक खेती पर चल रहे शोध कार्यों की रिपोर्ट मांगी थी। लिहाजा बताया जा रहा है कि इसकी रिपोर्ट से वे संतुष्ट नहीं दिखे थे। जिसे देखकर अब प्रदेश सरकार ने इस प्रोजेक्ट से अपने हाथ खींच लिए हैं। अब कृषि विवि पालमपुर में प्राकृतिक खेती के चल रहे प्रोजेक्ट को मिलने वाला फंड फिलहाल सरकार ने बंद कर दिया है। हालांकि, विवि की ओर से इस शोध कार्य को छह से एक साल का समय लगने की बात कही जा रही है, लेकिन विवि की ओर से जो तकनीक किसानों को जल्द मिलनी चाहिए थी वह अभी तक नहीं मिल पा रही है। अब सरकार की ओर से फंड न मिलने पर इस प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
वहीं, कृषि विवि पालमपुर के पूर्व कुलपति डाॅ. अशोक सरियाल ने बताया कि जो दिशा इस कार्य को मिलनी चाहिए थी, वह अभी पिछले सालों में नहीं मिल पाई है। मेरे समय में आईसीआईआर और प्रदेश सरकार से 25 करोड़ रुपये का फंड प्राकृतिक खेती को लेकर मिला था। इससे इस कार्य को शुरू कर दिया गया था। इसके तहत प्रदेश में 9.62 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाना था, लेकिन अभी तक इसकी तकनीक किसानों के खेतों में नहीं पहुंच पाई है। इस पर अभी तक शोध कार्य ही पूरे नहीं हुए हैं, जो एक चिंता की बात है। अब तक सरकार ने इसको मिलने वाला फंड भी बंद कर दिया है।
वहीं, कृषि विवि के कुलपति डाॅ. डीके वत्स ने बताया कि कृषि विवि पालमपुर में प्राकृतिक खेती में शोध कार्य चल रहे हैं, लेकिन अभी तक जो काम तकनीक पर जल्दी होने चाहिए थे वह अभी नहीं हो पा रहे हैं। इसका आर्थिक कमी भी कारण माना जा रहा है, लेकिन विवि इस प्रोजेक्ट पर काम रहा है। फंड की कमी के कारण जो कार्य होना चाहिए था, वह नहीं हो रहा है।