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डेरा परोल के अतुल ठाकुर और प्रीति ठाकुर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी व एल्सेवियर रैंकिंग 2024 में शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल
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वर्तमान में एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी और एमिटी स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंसेज में कार्यरत हैं दोनों
रजनीश शर्मा । हमीरपुर
सफलता उन्हें ही बुलंदियों पर ले जाती है जो विपरीत परिस्थितियों में भी धैर्य रखते हैं। अपनी कड़ी मेहनत से विश्व के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल भोरंज उपमंडल के डेरा परोल गांव से संबंधित प्रोफेसर अतुल ठाकुर और प्रोफेसर प्रीति ठाकुर की सफलता की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणादायक है। प्रोफेसर अतुल ठाकुर और प्रोफेसर प्रीति ठाकुर को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और एल्सेवियर रैंकिंग 2024 में शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में शामिल किया गया है।
गुरुग्राम में कार्यरत हैं दोनों
प्रोफेसरअतुल ठाकुर वर्तमान में एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी और एमिटी स्कूल ऑफ एप्लाइड साइंसेज के निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, और प्रोफेसर प्रीति ठाकुर एमिटी यूनिवर्सिटी हरियाणा, गुरुग्राम भारत में एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ नैनोटेक्नोलॉजी की प्रमुख हैं।
शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में शामिल
गौरतलब है कि प्रोफेसर अतुल और प्रोफेसर प्रीति दोनों को 2023 और 2022 की शीर्ष वैज्ञानिकों की सूची में भी जगह मिली है। यह मान्यता चुंबकीय नैनो प्रौद्योगिकी विशेषकर फेराइट्स के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण कार्य पर आधारित है।
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अनुसंधान में इन विषयों में विशेष अनुभव
उनके अनुसंधान के क्षेत्रों में माइक्रोवेव अनुप्रयोगों, उच्च आवृत्ति अनुप्रयोगों, रडार अवशोषित सामग्री, जल शोधन, एंटीना लघुकरण, उच्च घनत्व मेमोरी भंडारण प्रणाली, सेंसर अनुप्रयोगों, मेटामटेरियल्स और कृषि अनुप्रयोगों के लिए फेराइट शामिल हैं।
50 से अधिक पेटेंट दाखिल
डॉ. अतुल ठाकुर ने 200 से अधिक और डॉ. प्रीति ने 160 से अधिक शोध पत्र अंतर्राष्ट्रीय, सहकर्मी-समीक्षित पत्रिकाओं में प्रकाशित किए हैं। उन्होंने अब तक 50 से अधिक पेटेंट दाखिल किए हैं और स्प्रिंगर, एल्सेवियर, सीआरसी प्रेस आदि द्वारा प्रकाशित कई पुस्तकों का संपादन किया है। ठाकुर दंपत्ति की सफलता की यह कहानी डेरा परोल के साथ साथ पूरे हिमाचल के युवाओं के लिए आगे बढ़ने की राहें आसान करती है। ग्रामीण क्षेत्र में उच्च स्तरीय भोरंज उपमंडल में भी शिक्षा की लौ जगाने के लिए प्रोफेसर अतुल और प्रोफेसर प्रीति प्रयासरत हैं ताकि प्रतिभाओं को सही मंजिल मिल सके ।