ब्लड कल्चर टेस्टिंग मशीन लगाने में देरी पर स्वास्थ्य सचिव, निदेशक हाईकोर्ट में तलब
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
नाहन मेडिकल कॉलेज में तीन साल से ब्लड कल्चर टेस्टिंग मशीन न होने पर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। साथ ही स्वास्थ्य सचिव और निदेशक को पांच नवंबर को हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई पर यह बताया जाए कि अभी तक वहां मशीन क्यों नहीं स्थापित की गई है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कहा कि इस तरह की लापरवाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गौरतलब है कि वर्ष 2021 में कॉलेज के प्रिंसिपल ने ब्लड कल्चर टेस्टिंग मशीन लगाने और उसके रखरखाव के लिए टेंडर जारी किए थे। इस टेंडर में दो फर्मों ने भाग लिया था। इसमें बोली के बाद एक फर्म को यह टेंडर आवंटित किया गया। इससे पहले तीन बार टेंडर बुलाए गए, लेकिन कोई भी इसके लिए उपयुक्त नहीं पाया गया। तय मानकों के तहत टेंडर के लिए तीन लोगों का होना जरूरी है।
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सितंबर में प्रिंसिपल ने स्वास्थ्य निदेशक को अंतिम सहमति के लिए पत्र लिखा। सितंबर 2021 से लेकर जुलाई 2024 तक यह फाइल निदेशालय और सचिवालय में घूमती रही। इसके बाद जुलाई में विशेष सचिव स्वास्थ्य ने इस टेंडर को स्वीकृति नहीं दी। उन्होंने कहा कि मशीन के रखरखाव में खर्च बहुत ज्यादा आ रहा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि एक फाइल को स्वीकृत होने में तीन साल का समय लग गया, जिस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई।