
होशियारपुर में एचआरटीसी की बसों के फिर तोड़े शीशे तोड़े, पेंट से लिखे आपत्तिजनक शब्द
पोल खोल न्यूज़ | शिमला/ होशियारपुर
पंजाब में हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में फिर तोड़फोड़ की गई है। मिली जानकारी के अनुसार रात को होशियारपुर-अमृतसर बस स्टैंड में खड़ी एचआरटीसी बसों के अज्ञात लोगों ने शीशे तोड़ दिए। साथ ही बसों पर पेंट से आपत्तिजनक शब्द/नारे लिखे गए हैं। इससे एचआरटीसी के चालकों व परिचालकों में दहशत का माहौल है। ऐसे में एचआरटीसी पंजाब के लिए बसों का संचालन फिर रोक सकता है। निगम कर्मचारी यूनियन ने प्रबंधन से सुरक्षा सुनिश्चित करवाने की मांग उठाई है।
खरड़ की घटना के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के आग्रह पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सुरक्षा उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन फिर से बसों पर हमले शुरू हो गए हैं। ऐसे में यात्रियों में भी दहशत का माहाैल है। एचआरटीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. निपुण जिंदल ने कहा कि अमृतसर बस स्टैंड पर बीती रात चार बसों पर आपत्तिजनक नारे लिखे होने का मामला सामने आया है। इनमें से तीन बसों के आगे के शीशे तोड़ दिए गए हैं। इस मामले को अमृतसर पुलिस के समक्ष उठाया गया है। इनमें सुबह अमृतसर-बिलासपुर, अमृतसर-सुजानपुर, अमृतसर-जवाला जी व अमृतसर-हमीरपुर रूट की बसें शामिल हैं।
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कुल्लू जिले में पंजाब से आ रहे श्रद्धालुओं की बाइकों पर लगे आपत्तिजनक झंडे उतरवा दिए थे। इसको लेकर विवाद गहरा गया था। इसी क्रम में पिछले मंगलवार को पंजाब के होशियारपुर में भिंडरावाले के समर्थकों ने एचआरटीसी की बसों और निजी बसों में भिंडरावाला के फोटो चस्पा कर दिए। 18 मार्च को मोहाली के खरड़ में फ्लाईओवर पर हमला किया था। इस संदर्भ में पुलिस मुख्यालय शिमला के उच्च अधिकारियों ने पंजाब के विशेष पुलिस महानिदेशक, कानून एवं व्यवस्था से मामला सुलझाने के लिए वार्ता की।
बताते चलें कि परिवहन निगम की हमीरपुर डिपो की बस में तोड़फोड़ के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद यह मामला हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में भी गूंजा। परिवहन निगम ने पंजाब के कई रूट भी बंद कर दिए थे। इस बीच सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पंजाब के सीएम भगवंत मान से इसमें हस्तक्षेप करने के लिए कहा था। सुरक्षा का आश्वासन मिलने के बाद अब निगम ने पंजाब जाने वाले सभी रूट किए बहाल कर दिए हैं। लेकिन अब फिर से हमले होने के कारण सुरक्षा पर सवाल उठ गए हैं। पंजाब सरकार आश्वासन के बाद भी सुरक्षा नहीं दे पाई है।