
हिमाचल प्रदेश में इस बार नहीं बनेंगीं नई पंचायतें, इतनी का ही होगा पुनर्गठन
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल में पहले तो नई ग्राम पंचायतें बनाने के लिए सैकड़ों प्रस्ताव ले लिए और अब विभाग ने न बनाने का यू-टर्न ले लिया। पंचायती राज विभाग ने नगर निकायों से आंशिक रूप से कटी 43 पंचायतों का ही पुनर्गठन कर हाथ खड़े कर लिए हैं। अब ऐसे में नई पंचायताें के गठन के लिए आए 750 आवेदनों पर अब कोई विचार नहीं होगा। निदेशालय ने इस संबंध में पंचायती राज मंत्री को पत्र भेजा है कि नई पंचायतों को बनाने के लिए अब न तो समय बचा है और न वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अब इनके गठन की जरूरत महसूस हो रही है।
प्रदेश में 3,615 पंचायतों में से घटकर अब इनकी संख्या 3,577 रह गई है। नए नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पंचायतों के बनने से 42 पंचायतों का इनमें पूरी तरह से विलय हो गया है। 43 पंचायतें आंशिक रूप से कट गई हैं और इन्हीं को नई पंचायतों के रूप में अधिसूचित किया गया है। योल कैंट में चार नई पंचायतें बनी हैं। हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, सोलन, ऊना, शिमला जैसे जिलों में पंचायतों का पुनर्गठन किया गया है। यही वे आंशिक रूप से कटीं 43 ग्राम पंचायतें हैं, जिन्हें दोबारा गठित किया गया है।
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वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिमाचल में आय बढ़ाने और खर्च घटाने के लिए बनाई गई रिसोर्स मोबलाइजेशन कमेटी भी इस वित्त वर्ष में आर्थिक प्रबंधन के मद्देनजर नए संस्थानों को खोलने के पक्ष में नहीं है। चालू वित्त वर्ष में सरकार पहले से ही बड़े घाटे से जूझ रही है। केंद्र ने भी राजस्व घाटा अनुदान को बहुत कम कर दिया है। सूत्रों के अनुसार सरकार को यह भी इनपुट दिया गया है कि कनेक्टिविटी बढ़ने से अब पंचायतों की संख्या बढ़ाने के बजाय कई जगहों पर इनका विलय करने की जरूरत है। इससे आधारभूत ढांचा और स्टाफ की समस्या से दो-चार नहीं होना पड़ेगा।
राज्य चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार नई पंचायतों के गठन की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी करनी थी। चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस साल के आखिर में पंचायत चुनाव होने जा रहे हैं। जुलाई में मतदाता सूचियों की मैपिंग शुरू होगी।