
Himachal: व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बाहर जीएसटी नंबर नहीं लिखने पर होगी कार्रवाई
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में खुदरा दुकानों, भोजनालयों और सेवा आउटलेट सहित सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के प्रवेश द्वार पर जीएसटी पंजीकरण नंबर नहीं लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कर एवं आबकारी विभाग के जीएसटी विंग ने 5 जून से 4 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश में विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इस दौरान जीएसटी की अदायगी के बाद ही बिल लेने के लिए जागो ग्राहक अभियान से लोगों को जागरूक किया जाएगा। समय से जीएसटी की रिटर्न नहीं भरने वालों को नोटिस जारी होंगे। इसके तहत जुर्माना वसूली करने की भी तैयारी है।
बताते चलें कि जीएसटी अनुपालन और राजस्व वृद्धि करने के लिए विभाग ने विशेष अभियान शुरू करने का फैसला लिया है। राजस्व जुटाने को बढ़ावा देने और मजबूत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में सभी जिलों के क्षेत्रीय अधिकारियों और वाणिज्यिक कर अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी होगी। इस पहल का उद्देश्य जीएसटी ढांचे के तहत प्रवर्तन तंत्र को मजबूत करना, अनुपालन अंतराल को दूर करना और करदाताओं की जागरूकता बढ़ाना है। यह राजकोषीय अनुशासन सुनिश्चित करने और पारदर्शिता और प्रभावी प्रशासन के माध्यम से राज्य के राजस्व संग्रह में सुधार करने के बड़े लक्ष्य के अनुरूप है।
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वहीं, कर एवं आबकारी आयुक्त डॉ. युनूस ने बताया कि नागरिकों को सभी खरीद के लिए उचित जीएसटी चालान (बिल) प्राप्त करने के महत्व के बारे में शिक्षित किया जाएगा। चाहे वह दुकानों, रेस्तरां या सेवा प्रदाताओं से हो। पोस्टर, बैनर, रेडियो और सोशल मीडिया के माध्यम से जन जागरूकता अभियान शुरू किए जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं को कर चोरी रोकने के लिए वास्तविक बिल की मांग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। जीएसटी पंजीकरण नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित करना अनिवार्य किया गया है। अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए औचक निरीक्षण किए जाएंगे और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अभियान उन व्यवसायों की बारीकी से निगरानी करेगा, जो नियमित जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में विफल रहे हैं। नोटिस जारी किए जाएंगे और लगातार चूक करने वालों के खिलाफ वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी। लागू प्रावधानों के अनुसार जुर्माना भी लगाया जा सकता है। राज्यभर में माल की आवाजाही के दौरान ई-वे बिलों के सत्यापन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। प्रवर्तन दल राजमार्गों और परिवहन केंद्रों पर जांच करेंगे, जिससे रसद और आपूर्ति श्रृंखलाओं में कर चोरी को रोका जा सके। फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) पर नकेल कसी जाएगी। विभाग ऐसे धोखाधड़ी वाले व्यवहारों की पहचान करने और उन पर मुकदमा चलाने के लिए डाटा एनालिटिक्स और रिटर्न के क्रॉस-सत्यापन का उपयोग करेगा। जीएसटी ऑडिट और जांच में तेजी लाई जाएगी।