
हिमाचल : अब सड़क हादसों में घायल लोगों का डेढ़ लाख रुपये तक मुफ्त हो सकेगा इलाज
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
हिमाचल प्रदेश में अब सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों का अस्पतालों में डेढ़ लाख रुपये तक का निशुल्क उपचार होगा। निशुल्क उपचार की यह सुविधा प्रदेश भर में सरकारी अस्पतालों के अलावा आयुष्मान भारत योजना के तहत अधिकृत स्वास्थ्य संस्थानों में मिलेगी। इससे सड़क हादसों में घायल मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ तुरंत उपचार उपलब्ध हो सकेगा। घायलों का उपचार अस्पताल में दाखिल होने के बाद 7 दिन तक होगा। इसके लिए हिमाचल प्रदेश में राज्यस्तरीय कोष का गठन होगा। केंद्र सरकार घायलों के इलाज का खर्चा वहन करेगी। केंद्र के निर्देशों के बाद हिमाचल में इस योजना को लागू कर दिया है।
वहीं, परिवहन निदेशक डीसी नेगी ने हिमाचल के सभी विभागों और अस्पतालों को भी इस संबंध में पत्र लिखा है। राज्य भर में इस योजना को लागू करने के लिए मुख्य सचिव नोडल अधिकारी होंगे। जिलों में उपायुक्त, संबंधित अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऐसे मामलों की निगरानी करेंगे। रोड सेफ्टी के तहत यह व्यवस्था की गई है। अभी हिमाचल प्रदेश में कोई भी वाहन दुर्घटना होने पर लोगों को स्वयं खर्चा करना होता है। जिन लोगों के पास आयुष्मान व हिमकेयर कार्ड हैं, उन्हें निशुल्क सुविधा रहती है। अब सरकार घायलों का डेढ़ लाख रुपये तक निशुल्क उपचार करेगी।
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बता दें कि हिमाचल प्रदेश में औसतन प्रतिदिन 7-8 लोग सड़क हादसों में घायल हो रहे हैं। परिवहन विभाग के निदेशक डीसी नेगी ने कहा कि इस बारे में विभागों और अस्पताल प्रबंधन को आदेश जारी किए गए हैं।
परिवहन विभाग के प्रधान सचिव की केंद्रीय परिवहन मंत्रालय के सचिव के साथ इस बारे में वर्चुअल बैठक भी हो चुकी है। इसमें पूछा गया था कि योजना को पायलट आधार पर लागू करने के लिए कितना तैयार है।
कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम भारत सरकार की ओर से सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए शुरू की गई है। इसका उद्देश्य सड़क हादसों में घायल लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा प्रदान करना है। यह योजना मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 162 के तहत अधिसूचित है और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों में लागू होती है।