
किन्नर कैलाश यात्रा स्थगित, रास्ते में फंसे श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला
पोल खोल न्यूज़ | किन्नौर / शिमला
भारी बारिश के चलते रास्ता कई जगह अवरुद्ध होने पर किन्नौर कैलाश यात्रा अगले आदेशों तक स्थगित कर दी गई है। जबकि तांगलिंग खड्ड में आई बाढ़ के कारण पुल बहने से यात्रा पर निकले 100 श्रद्धालु बीच रास्ते में फंस गए थे। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की 17वीं बटालियन की टीम ने किन्नाैर कैलाश यात्रा मार्ग पर तंगलिंग क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ के बाद रस्सी आधारित ट्रैवर्स क्रॉसिंग तकनीक का उपयोग करते हुए 413 तीर्थयात्रियों को बचाया है।
बचाव अभियान 1 राजपत्रित अधिकारी, 4 अधीनस्थ अधिकारी और आईटीबीपी के 29 अन्य रैंकों की ओर से 14 एनडीआरएफ की एक टीम के समन्वय से चलाया जा रहा है। रिब्बा नाले में बाढ़ की चपेट में आने 15 मीटर एनएच ध्वस्त हो गया है। सांगला घाटी के चार नालों में बाढ़ आने से दो पैदल पुल बह गए हैं। उधर, ठियोग के नेरी पुल के समीप शिव मंदिर के पास मारुति कार पर पहाड़ी से बड़ा पत्थर गिरने से एक स्थानीय युवक की मौत हो गई।
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वहीं, बल्ह घाटी में सुकेती समेत अन्य खड्डें उफान पर हैं। बल्ह घाटी जलमग्न हो गई है। कई जगह पार्किंग में वाहन भी पानी में डूब गए हैं। सराज घाटी का सड़क संपर्क भी अन्य क्षेत्रों से कट गया है। जलस्तर बढ़ने से ब्यास के साथ पिन पार्वती, सरवरी खड्ड के साथ नदी-नाले उफान पर हैं। कांगड़ा में मंगलवार को दिल्ली से दो और चंडीगढ़ से एक फ्लाइट गगल हवाई अड्डा नहीं पहुंची। जिले में एक कच्चा मकान पूरी तरह से ढह गया। 12 घरों और 11 गोशालाओं को क्षति पहुंची है। पौंग बांध का जलस्तर 1361 फीट पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 21 फीट दूर है। प्रशासन की ओर से बांध से निचले क्षेत्र के लोगों को अपना सामान समेटने के साथ सुरक्षित स्थान चिन्हित करने को कहा गया है।
प्रदेश के कई क्षेत्रों में बुधवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 11 अगस्त तक प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। मंगलवार को राजधानी शिमला में दिन भर हल्की बारिश होती रही। सुंदरनगर, भुंतर, धर्मशाला, नाहन, कांगड़ा, मंडी और धौलाकुआं में भी बारिश दर्ज हुई।