
Himachal Pradesh : स्कूल शिक्षा निदेशालय ने रोकी 60 शिक्षकों की वार्षिक इंक्रीमेंट
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में कम परिणाम देने वाले 60 शिक्षकों की वार्षिक इंक्रीमेंट रोक दी गई है। बताते चलें कि स्कूल शिक्षा निदेशालय ने दसवीं और बारहवीं कक्षा में 25 फीसदी से कम परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ यह कार्रवाई की है। हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत 21 प्रवक्ताओं और 39 टीजीटी को इस साल वेतन में वृद्धि नहीं दी जाएगी। बीते दिनों शिक्षा निदेशालय ने कम परिणाम देने वाले शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे। अब नोटिस के जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर इंक्रीमेंट रोकने का फैसला लिया गया है। सोमवार को शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को इस बाबत पत्र जारी किया।
वहीं, शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और शिक्षकों की जवाबदेही तय करने के लिए निदेशालय ने सख्ती बरती है। निदेशालय की ओर से किए गए आदेशों के अनुसार यह कार्रवाई उन शिक्षकों के खिलाफ की गई है, जिनकी कक्षाओं में छात्रों का परिणाम लगातार औसत से नीचे रहा है। इन शिक्षकों की पहचान स्कूलों से प्राप्त परिणामों के विश्लेषण के आधार पर की गई। निदेशालय ने कुछ सप्ताह पहले संबंधित शिक्षकों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब तलब किया था।
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शिक्षकों से पूछा गया था कि आखिर उनकी कक्षा का परिणाम इतना कम क्यों रहा। हालांकि, अधिकांश शिक्षकों के उत्तर संतोषजनक नहीं पाए गए, जिसके चलते यह निर्णय लिया गया कि उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि रोक दी गई है। शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि शिक्षकों का मुख्य कार्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है। बोर्ड परीक्षाएं विद्यार्थियों के भविष्य की दिशा तय करती हैं।
यदि शिक्षक अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेते, तो इसका सीधा असर छात्रों के कॅरिअर पर पड़ता है। परिणामों के आधार पर कार्रवाई करना जरूरी है। शिक्षा निदेशक कहा कि अगली बार से शिक्षकों का मूल्यांकन न सिर्फ परीक्षा परिणाम, बल्कि उपस्थिति, कक्षा गतिविधियों, छात्र सहभागिता और प्रगति रिपोर्ट के आधार पर भी किया जाएगा। यदि कोई शिक्षक सुधार करता है और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन करता है, तो अगले वर्ष उसकी वेतन वृद्धि पर पुनर्विचार किया जाएगा।