रजनीश शर्मा । हमीरपुर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय टौणी देवी में चल रहे एनएसएस कैंप के छठे दिन स्वयंसेवियों को पंचायती राज संस्थाओं के कार्यों और नियमों के बारे में
बताया गया।
ग्राम पंचायत बारीं के प्रधान रविंदर ठाकुर ने बताया कि यह वो प्रणाली है जिसके अंतर्गत ग्रामीण स्तर पर अनेकों कार्य किए जाते हैं। पंचायती राज को ग्रामीण स्थानीय सरकार के रूप में भी जाना जाता है। भारत में सर्वप्रथम 2 अक्टूबर सन 1959 को पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया था पंचायती राज को मुख्यतः तीन स्तर पर बांटा गया है जिसे त्रिस्तरीय (ग्रामीण स्तर पर ग्राम पंचायत, ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति एवं जिला स्तर पर जिला परिषद) पंचायती राज व्यवस्था भी कहा जाता है।
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इन सबका उद्देश्य विभिन्न राजकीय कार्यक्रमों की योजना बनाने के साथ साथ केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा लागू की गयी योजनाओं की निगरानी करना होता है पंचायती राज देश में स्वच्छता, लघु सिंचाई, सार्वजनिक शौचालय, सार्वजनिक सड़कों की सफाई, प्राथमिक स्वास्थ्य की देखभाल, पेयजल आपूर्ति , टीकाकरण ,ग्रामीण विद्युतीकरण, सार्वजनिक नलकूप का निर्माण,शिक्षा आदि से संबंधित कार्यों की निगरानी करता है और इनके प्रतिनिधियों के लिये एक समान पाँच वर्षीय कार्यकाल निर्धारित किया गया है।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने कहा कि एनएसएस की वैचारिक उन्मुखता महात्मा गांधी के आदर्शों से प्रेरित है जिसका उद्देश्य ‘सेवा के माध्यम से शिक्षा’ है एक स्वयंसेवी ‘स्वयं’ से पहले ‘समुदाय’ को स्थान देता है। आज एनएसएस के तहत बहुत अच्छे कार्य किए जा रहे हैं और इसमें और ज्यादा अच्छे कार्य करने की क्षमता है।
इस दौरान दोनों कार्यक्रम अधिकारियों विजय कुमार और सुमन रानी का मार्गदर्शन सराहनीय है इसके साथ ही आज प्रांगण में पौधा रोपण भी किया गया। जिसकी रखवाली की जिम्मेदारी भी स्वंयसेवियों ने ली है जो उन्हें नियमित पानी खाद देकर पूर्ण वृक्ष बनने तक ध्यान रखेंगे।