Diksha Thakur | Pol Khol News Desk
बाबा गरीब नाथ मंदिर / ऊना
हिमाचल प्रदेश के ऊना से 22 किलोमीटर की दूरी पर बाबा गरीब नाथ मंदिर अनोखी छत से बिखरा हुआ नजर आता है। यह मंदिर कुटलहैड़ विधानसभा क्षेत्र के अंदरौली में स्थित है। ऊना, हमीरपुर के अलावा पड़ोसी राज्य पंजाब से सैंकड़ों लोग गोबिंद सागर झील के बीच में बने बाबा गरीब नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। बरसात के दिनों में गोबिंद सागर झील का स्तर ऊपर आ जाता है। जिसकी वजह से यह मंदिर जुलाई से नवंबर माह तक चारों तरफ से पानी से घिरा रहता है। बरसात के दिनों में मंदिर की एक मंजिल पानी में डूब जाती है लेकिन फिर भी लोगों का आना-जाना लगा रहता है।
मंदिर को देखने के लिए बाहरी पर्यटक भी अंदरौली पहुंचते हैं, जिन्हें गोबिंद सागर झील के चारों तरफ छाई हरियाली खूब भाती है। छुट्टी वाले दिन अंदरौली में खासी भीड़ रहती है। यहां आने वाले पर्यटक पहले सभी झील में बने बाबा गरीब नाथ मंदिर के दर्शन करते हैं। इसके बाद गोबिंद सागर झील में मोटर बोट का लुत्फ उठाते हैं। मोटर बोट की सवारी का अलग ही रोमांच होता है क्योंकि इस दौरान पहाड़ियों से घिरी झील बेहद खूबसूरत लगती है। मंदिर परिसर में भगवान शिव की विशालकाय प्रतिमा आकर्षण का केंद्र है। इसके अलावा माता वैष्णो देवी की गुफा बनाई गई है। इस मंदिर में हिमाचल, पंजाब और हरियाणा काफी संख्या में श्रद्धालु मन्नत मांगने आते हैं।
ये भी पढ़ें: Temple of Himachal: पांडवों ने की थी बगलामुखी मंदिर की स्थापना, जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ मुख्य बातें
मंदिर का इतिहास
बाबा गरीब नाथ मंदिर हिमाचल का इतिहास लगभग 500 वर्ष पुराना बताया जाता है। कहा जाता है कि जब ऋषि व्यास के पुत्र शुकदेव का जन्म हुआ, उसी समय 84 सिद्धों ने भी अलग-अलग स्थानों पर जन्म लिया। उनमें से एक हैं सिद्ध गरीब नाथ जी, जो दत्तात्रेय के शिष्य थे। बाबा गरीब नाथ ने यहां 40 वर्षों तक तपस्या की। इसे बाबा गरीब नाथ की तपोस्थली भी कहा जाता है।
एक अन्य मान्यता के अनुसार 500 साल पहले यहां के स्थानीय निवासियों को झाड़ियों में एक ज्योति जलती हुई दिखी, जब लोगों ने पास जाकर देखा तो अमलताश पेड़ के नीचे सिद्ध बाबा गरीब नाथ भक्ति में लीन मिले। उन्होंने लोगों को अपना परिचय देते हुए कहा कि जो भी श्रद्धालु सच्ची श्रद्धा से यहां भक्ति करेंगे, उन्हें फल जरूर मिलेगा। इस मंदिर में आज भी अमलताश का लगभग 500 साल पुराना पेड़ विराजमान है। जो इस मंदिर की शोभा का बढ़ाता है।
आपको बता दें कि स्थानीय निवासी बाबा नसीब सिंह इस मंदिर के प्रसिद्ध सेवादार थे। साल 1978 में जब वे बीमार हुए थे, उनके बचने की उम्मीद कम थी। बताया जाता है कि बाबा नसीब को अचानक रात को सपना आया और सपने में सिद्ध बाबा गरीब नाथ जी ने उन्हें दर्शन दिए। बाबा ने नसीब सिंह को मंदिर के अखंड धूणे से भभूती ग्रहण करने को कहा।
मान्यता है कि नसीब सिंह ने भभूती खाई और वो पूरी तरह स्वस्थ हो गए। इस तरह से सारे इलाके में ये खबर फैल गई, जिससे सिद्ध बाबा गरीब नाथ के प्रति लोगों की आस्था बढ़ गई।
ये भी पढ़ें: Temple Of Himachal: यहां आज भी मौजूद हैं हनुमान जी के पैरों के निशान
ऐसे पहुंचे बाबा गरीब नाथ मंदिर
सड़क मार्ग व रेल मार्ग से ऊना तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से आगे का सफर बस या निजी वाहनों के जरिए तय किया जा सकता है। ऊना से 22 किलोमीटर की दूरी पर बाबा गरीबनाथ का मंदिर है। यहां तक आने के लिए बस की भी सुविधा रहती है। वहीं हवाई मार्ग से यहां तक आने के लिए चंडीगढ़ हवाई अड्डे तक आना होगा। उसके बाद ऊना से मंदिर तक का सफर आसानी से तय किया जा सकता है।
सड़क मार्ग : इस मंदिर की सड़कें देश के अन्य शहरों से अच्छी तरह से जुड़ी हुई हैं इसलिए आप देश के किसी भी हिस्से से अपने वाहन या किसी सार्वजनिक बस या टैक्सी द्वारा इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
ट्रेन द्वारा : बाबा गरीब नाथ मंदिर से निकटतम रेलवे स्टेशन ऊना रेलवे स्टेशन है। यहां से आप स्थानीय परिवहन सेवाओं या टैक्सी का उपयोग करके इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई मार्ग : बाबा गरीब नाथ मंदिर हिमाचल से निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ हवाई अड्डा है। यहां से आप स्थानीय परिवहन सेवाओं या टैक्सी का उपयोग करके इस मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं।