Diksha Thakur | Pol Khol News Desk
देव बाला कामेश्वर/ मंडी
अगर आपकी शादी नहीं हो रही या शादी में कुंडली बाधा बन रही है तो हिमाचल के मंडी जिला के देव बाला कामेश्वर (बन्यूरी) की शरण में जाएं। देवता बिना कुंडली मिलान के ही अपने दरबार में शादी करवा देते हैं। जी हाँ, आज हम आपको ऐसे देवता के बारे में बताएंगे जो बिना कुंडली मिलान के भी दो प्यार करने वालों को शादी की इजाजत दे देते हैं। देव बाला कामेश्वर का शिवरात्रि महोत्सव में भी विशेष स्थान है। अब तक ऐसे सैकड़ों लोग देवता की शरण में जाकर शादी कर चुके हैं और सुखी वैवाहिक जीवन जी रहे हैं।
यही नहीं यह देवता कई तरह की शारीरिक बीमारियों को भी चुटकियों में खत्म कर देते हैं। देवता के पास 18 प्रकार की शारीरिक बीमारियों को खत्म करने की शक्ति है। इसमें चरम रोग व पेट की तमाम बीमारियां शामिल हैं। इसके चलते इस देव को 18 व्याधियों का भंडारी भी कहा जाता है। वहीं अगर बात करें शिवरात्रि की तो इस दिन भी देव बाला कामेश्वर बनूयरी में सैंकड़ों जोड़ों को वैवाहिक बंधन में बांधा जाता है।
चावल के दानों से होता है समस्या का समाधान
मान्यताओं के अनुसार ऐसे लोगों को देवता के पुजारी चावल के दानों के साथ उनकी समस्या का समाधान बताते हैं। शादी घर में करनी है या देव दरबार में यह भी देवता तय करते है।
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क्या है कहती
किस्से कहानियों की मानें तो एक बार मंडी रियासत में चेचक की बीमारी फैल गई। जब बीमारी ने भयंकर रूप धारण कर लिया तो राजा ने इस बीमारी को दूर करने के लिए जनपद के सभी देवताओं की परीक्षा लेनी चाही।
उन्होंने सभी देवताओं को मंडी बुलाया और कहा कि जो इस बीमारी को दूर करेगा, उसे जागीर दी जाएगी। देव बालाकामेश्वर ने इस बीमारी को चुटकियों में खत्म कर दिया। आज भी लोग बीमारी से निजात पाने के लिए देवता की शरण में आते हैं।
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कहा जाता है कि हिमाचल प्रदेश के मंडी में बाबा बाला कामेश्वर की पूजा किशोरावस्था में की जाती थी। वह कामसु नाग के पिता हैं। उनके पास चांदी की पालकी के साथ चांदी का छत्र है और उनका धर्मग्रंथ चांदी का बना हुआ है। लड़कियों और महिलाओं को धर्मग्रंथ के पास जाने की अनुमति है। इस क्षेत्र में बाबा बाला कामेश्वर के भाइयों की भी पूजा की जाती है। हर साल मंडी में शिवरात्रि उत्सव के समय सभी भाइयों की पालकियों को एक साथ लाया जाता है।