रजनीश शर्मा। हमीरपुर
कांगडा केंद्रीय सहकारी बैंक से ऋण लेकर समय पर उसका भुगतान न करने वाले डिफाल्टर ऋण धारकों पर सहकारिता विभाग न शिकंजा कसने का मन बना लिया है। ऐसे डिफाल्टरों को विभाग की ओर से नोटिस जारी किए है। यदि ये ऋणधारक समय पर ऋण का भुगतान नहीं करते है, तो विभाग इनकी चल-अचल संपत्ति की नीलामी करके अपने पैसे की वसूली करेगा। ऐसे कर्जधारकों को अरेस्ट वारंट भी भेजे जाने का प्रावधान रहता है, जिसमें एक माह तक की जेल हो सकती है। जानकारी के मुताबिक कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के डिफॉल्टर ऋणधारकों के खिलाफ सहकारिता विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। इसी क्रम में सहकारिता समाहर्ता एवं डिप्टी रजिस्ट्रार उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला द्वारा जिला हमीरपुर के चार दोषी ऋणियों के खिलाफ एचपी भू-राजस्व अधिनियम, 1954 की धारा-75 के अंतर्गत डिमांड नोटिस जारी किए गए हैं। इनकी पेशी छह दिसंबर को सहायक पंजीयक कार्यालय हमीरपुर में रखी गई है।
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बताया जा रहा है कि इन ऋणदोषियों से लगभग 4.7 करोड़ की रिकवरी होनी है । साथ ही जिला ऊना के नौ ऋणदोषियों को भी डिमांड नोटिस जारी किए है। इनकी पेशी सात दिसंबर को हमीरपुर में ही रखी गई है। बताया जा रहा है कि करोड़ों का लोन लेने वाले इन ऋण धारकों ने जब ऋण नहीं चुकाया तो बैंक की ओर से रिमाइंडर भेजे गए। उसके बाद भी इन्होंने ऋण नहीं चुकाया। उसके बाद आखिर में सहकारिता विभाग ने इस मामले में हस्तक्षेप कर एक्शन लिया है। -एचडीएम
अरेस्ट वारंट भी जल्द
समाहर्ता एवं डिप्टी रजिस्ट्रार उत्तरी क्षेत्र धर्मशाला ई-प्रत्युष चौहान के अनुसार इन ऋणदोषियों के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किए जा सकते है तथा अधिकतम 30 दिन की जेल की सजा भी हो सकती है। डिफाल्टर ऋणधारकों अथवा उनके गारंटरों की चल अचल संपति नीलाम करके लोन की राशि की रिकवरी की जाएगी। उन्होंने सभी ऋणधारकों को आदेश दिए हैं कि एक-दो दिन के भीतर ऋण का भुगतान कर दें अन्यथा कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।