
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शांता कुमार ने कहा कि मंगलवार को अखबार खोलते ही दिल दहल गया। हिमाचल प्रदेश में सडक़ दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई और 11 घायल हो गए। सडक़ दुर्घनाएं लगातार बढ़ रही हैं। सडक़ें लगभग वही हैं, परंतु गाडिय़ों की संख्या कई गुणा बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही शराब और जल्दबाजी भी बढ़ती दुर्घटनाओं का कारण हैं। सब से बड़ा कारण है कठोर सजा का डर न होना। उन्होंने कहा कि नेशनल काइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में प्रति घंटा 46 सडक़ दुर्घटनाओं में एक लाख 60 हजार लोगों की मौत हुई और 3 लाख 80 हजार घायल हुए। 70 प्रतिशत दुर्घटनाओं का कारण शराब और तेज रफ्तार था। शांता कुमार ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन लगभग तीन मौतें होती हैं, वर्ष में 3 हजार, प्रतिमाह 200 दुर्घटनाएं और हजारों मौतें।
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पैदल चलने वाले लोग भी तेज रफ्तार गाडिय़ों के कारण बढ़ी संख्या में मारे जाते हैं। शांता कुमार ने सरकार से विशेष आग्रह किया है कि सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष कठोर कदम उठाएं। एक बात याद रखें कि कानून का पालन कठोर सजा के डर के बिना नहीं हो सकता। तेज रफ्तार से चलने वालों को पहली बार कम से कम 25000 रुपए का जुर्माना और छह महीने के लिए लाइसेंस कैंसिल करने की कठोर सजा हो। जिस दिन सरकार इस सजा का नियम बना कर इसकी घोषणा करेगी, केवल उसी से दुर्घटनाएं रुकनी शुरू हो जाएंगी। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह किया है कि इस विषय पर गंभीरता से विचार करें।