
पोल खोल न्यूज डेस्क । हमीरपुर
फर्जी नंबरों के खिलाफ सरकार लगातार नए कदम उठाती रहती है। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि सरकार ने करीब 55 लाख से ज्यादा मोबाइल कनेक्शन को बंद कर दिया है। ये खबर हर किसी को हैरान कर देगी। दरअसल, सरकार की तरफ से वेरिफिकेशन अभियान चल रहा था और ये नंबर वेरिफिकेशन में संदिग्ध पाए गए थे, जिसके बाद ये कदम उठाया गया है।
री-वेरिफिकेशन में सामने आई फर्जी सिम
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड फेशियल रेकग्निशन पावर्ड सॉल्यूशन की तरफ से 67 लाख संदिग्ध मोबाइल कनेक्शन की पहचान की गई थी। इसमें से 55.52 लाख नंबर री-वेरिफिकेशन सब्सक्राइब करने में फेल हो गए थे। लोकसभा में सरकार की तरफ से ये जानकारी दी गई है। सरकार ने बताया, 70 हजार से ज्यादा सिम एजेंट इन मोबाइल कनेक्शन को बेचने में शामिल थे। उन्हें भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और 1890 प्वॉइंट ऑफ सेल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 1,31,961 मोबाइल हैंडसेंट्स भी इसमें शामिल पाए गए हैं। साइबर क्राइम/फाइनांशियल फ्रॉड्स को देखते हुए इन सभी मोबाइल हैंडसेट्स को भी ब्लॉक कर दिया गया है।
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एक आधार पर कितनी सिम जारी हुई … इस बारे होती है छानबीन
एएसटीआर एक सिस्टम है, जो टीएसपीएस के द्वारा मिलने वाली जानकारी के आधार पर डुप्लीकेट सिम कार्ड रजिस्ट्रेशन की पहचान करता है। साथ ही ये भी पता लगाता है कि एक व्यक्ति के आधार पर कितने सिम कार्ड जारी किए गए हैं। इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है। संचार साथी पोर्टल नागरिकों को संदिग्ध मोबाइल गतिविधि की रिपोर्ट के लिए सशक्त भी बनाता है। यहां पर हर यूजर की जानकारी उपलब्ध होती है। इसकी मदद से ही सिक्योरिटी और प्राइवेसी पर भी नियंत्रण किया जाता है। फर्जी सिम और नंबर खरीदने से आपको बचना चाहिए। इससे आपको भारी नुकसान तो होता ही है। साथ ही कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। यही वजह है कि इस पर सरकार ने ऐसे नंबरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है।