अम्बेडकर के नाम पर बंद होनी चाहिए राजनीति : डॉ मामराज पुंडीर
रजनीश शर्मा। हमीरपुर
राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह के भाषण के बाद कांग्रेस ने एक 12 सेकंड की क्लिप जारी की, जिसमें यह आरोप लगाया गया कि शाह ने बाबा साहब अंबेडकर का अपमान किया। हालांकि, उनका बयान संदर्भ से बाहर था, और उनका उद्देश्य बाबा साहब का अपमान करना नहीं था। अमित शाह ने जिस प्रकार से अपनी बात रखी, वह गलत था, लेकिन उनका इरादा कभी भी बाबा साहब का अपमान करने का नहीं था। इसके बावजूद, विपक्ष ने इस मामले को तूल दिया और इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की।
बाबा साहब के नाम पर राजनीति करना अब एक सामान्य बात बन चुकी है। हर राजनीतिक दल उनके नाम का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक रणनीति में करता है, जबकि असल में दलित और पिछड़े समाज के लिए बाबा साहब के विचार और संविधान उनके लिए सर्वोच्च हैं। आज कोई भी दल बाबा साहब का अपमान नहीं कर सकता, क्योंकि दलित समाज उनके प्रति अत्यधिक सम्मान रखता है।
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यह अजीब है कि जो दल बाबा साहब का सम्मान नहीं करते थे, वही आज उनके नाम का सहारा लेकर राजनीति कर रहे हैं। कांग्रेस ने कभी भी बाबा साहब को भारत रत्न देने के काबिल नहीं समझा, जबकि भाजपा ने उनके योगदान को सम्मानित किया है। भाजपा के लिए यह मुद्दा संवेदनशील है, क्योंकि वे जानते हैं कि बाबा साहब का अपमान करना राजनीतिक रूप से नुकसानदेह हो सकता है।
राजनीतिक दलों को बाबा साहब के नाम पर केवल राजनीति करने के बजाय उनके विचारों को समझना चाहिए और उनका पालन करना चाहिए। बाबा साहब ने जो संविधान दिया है, वह हमें समाज में समानता और न्याय के लिए प्रेरित करता है, न कि केवल चुनावी फायदे के लिए उनका नाम उछालने के लिए। समाज में जातिवाद को समाप्त करने के लिए बाबा साहब ने जो काम किए थे, वही उनका असली योगदान है। राजनीतिक दलों को उनके विचारों पर चर्चा करनी चाहिए, न कि उन्हें एक राजनीतिक प्रतीक के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।