
शिमला : चिट्टे के लिए बेच दी जमीन, पत्नी को देना होगा मुआवजा
पोल खोल न्यूज़ | शिमला
जिला शिमला में चिट्टे की लत ने एक पति को पत्नी और दो बेटियों से दूर कर दिया। नशे की लत को पूरा करने के लिए इस व्यक्ति ने अपनी पैतृक संपत्ति तक बेच दी। पत्नी ने पति पर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के भी आरोप लगा रखे हैं। दोनों नाबालिग बेटियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। जिला एवं सत्र न्यायालय चक्कर में घरेलू हिंसा अधिनियम का यह मामला सामने आया है। इसमें पत्नी ने अदालत के समक्ष दो नाबालिग बेटियों के भरण-पोषण के साथ अलग आवास और पति को पैतृक संपत्ति बेचने से रोकने की गुहार लगाई है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) विभूति बहुगुणा ने मामले को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए प्रतिवादी विनोद कुमार को पत्नी को 5,000 रुपये प्रति माह और उसके दोनों बच्चों को 2,000 रुपये प्रति माह (कुल 9,000 रुपये प्रति माह) की राशि याचिका दायर करने की तिथि से मुख्य याचिका के अंतिम निपटारे तक देने के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रतिवादी पर अगले आदेश तक अपनी संपत्ति हस्तांतरित करने पर रोक लगाई है। इसके अलावा राजस्व अधिकारी को प्रतिवादी से संबंधित भूमि के स्वामित्व, कब्जे और अन्य प्रविष्टियां करने के भी निर्देश दिए हैं।
ये भी पढ़ें:ऊहल के पास भटेड पंचायत के बकनियार गांव में गिरा लहासा , मकान को बचाने के प्रयास
बता दें कि आदेश दिए हैं कि 4 सितंबर तक प्रतिवादी की संपत्ति के विवरण की अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करें। अदालत ने स्पष्ट किया है कि मानसिक और शारीरिक शोषण के आरोपों को अभी साबित किया जाना बाकी है, लेकिन न्यायालय इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि मुख्य याचिका के निपटारे में काफी समय लगेगा। ऐसे में प्रतिवादी कानूनी और नैतिक रूप से पत्नी और नाबालिग बेटियों का भरण-पोषण करने के लिए बाध्य है और किसी भी परिस्थिति में वह अपने दायित्व से बच नहीं सकता।
वहीं, पीड़ित के मुताबिक दोनों का मार्च 2017 में विवाह हुआ था और इसके बाद दो लड़कियां पैदा हुईं। आरोप है कि प्रतिवादी नशे का आदी है और उसे 6 महीने के लिए शिमला के एक पुनर्वास केंद्र में भी भर्ती करवाया था, लेकिन वहां से वापस आने के बाद उसने फिर से चिट्टे का सेवन शुरू कर दिया। इसके बाद भी पति ने नशे की लत को पूरा करने के लिए वाहनों से पेट्रोल चुराया और अपनी पैतृक संपत्ति भी बेच दी। अब पति शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। आरोप लगे हैं कि भरण-पोषण से वंचित रखने पर उसकी दो नाबालिग बेटियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसके पास आय का कोई स्वतंत्र स्रोत भी नहीं है।