Pol khol News desk | Hamirpur
देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। कर वर्ष की तरह यहां आज गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड होगी। इस दौरान कई राज्य अपनी झांकियां प्रदर्शित करेंगे, लेकिन हिमाचल प्रदेश के लिए ये साल भी निराशा भरा रहा है। इस साल 26 जनवरी को लगातार पांचवीं बार झांकी नहीं दिखेगी। इस बार केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस के लिए 26 झांकियों की लिस्ट जारी की है, जिसमें पहाड़ी राज्य हिमाचल का नाम शामिल नहीं है।
बताते चलें कि इस बार गणतंत्र दिवस पर मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, अरुणाचल, हरियाणा, मणिपुर, झारखंड, तेलंगाना, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, गुजरात, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मेघालय, इसरो, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, बंदरगाह, जहाजरानी और जल मंत्रालय, आईटीबीपी, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की झांकियां दिखाई देंगी।
ऐसे में अब हिमाचल प्रदेश को अगले साल यानि 2025 में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस तक इंतजार करना होगा। जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए कुछ बदलाव किए हैं, जिसमें राज्यों से साल 2026 तक झांकी निकालने के लिए किसी एक वर्ष को चुनने का विकल्प मांगा गया था। जिसमें हिमाचल ने झांकी के लिए अगले साल यानी 2025 के विकल्प को चुना है।
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कब देखी थी हिमाचल की झांकी
बताते चलें कि दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस पर साल 2020 में अंतिम बार कुल्लू दशहरा की झांकी प्रदर्शित हुई थी। हिमाचल में कुल्लू का दशहरा काफी प्रसिद्ध है। इस दौरान भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा निकलती है। ऐसे में इसी की झांकी को दिल्ली के गणतंत्र दिवस पर दिखाया गया था। इससे पहले, गणतंत्र दिवस पर साल 2007 में लाहौल-स्पीति, साल 2012 में किन्नौर, 2017 में चंबा की संस्कृति की झलक राजपथ पर दिखाई गई थी। वहीं, साल 2018 में लाहौल-स्पीति के 1300 साल पुरानी गोंपा की झांकी दिखाई गई थी। इसके बाद अंतिम बार साल 2020 में कुल्लू दशहरा की झांकी को शामिल किया था।
इस तरह मनाया जाता है गणतंत्र दिवस समारोह
देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। इस मौके पर राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। इसके अलावा इस मौके पर राष्ट्रपति द्वारा योग्य नागरिकों को पद्म पुरस्कार वितरित करते हैं। इसके साथ ही बहादुर सैनिकों को परमवीर चक्र, अशोक चक्र और वीर चक्र से भी सम्मानित किया जाता है। देश की आम जनता परेड का लुत्फ उठा सके, इसके लिए लाइव प्रसारण और वेबकास्ट भी किया जाता है।