
जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता में टौणीदेवी की रुचि शर्मा का गीतिका में प्रथम स्थान
पोल खोल न्यूज़। हमीरपुर
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला टौणीदेवी की छात्रा रुचि शर्मा ने जिला स्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता में गीतिका (छंद) श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय और क्षेत्र का नाम रोशन किया है जबकि गोपाल श्लोकाचार्ण में चौथे स्थान पर रहा । यह प्रतियोगिता शिक्षा विभाग के तत्वावधान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कांगू में आयोजित की गई थी, जिसमें जिले भर के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य संस्कृत भाषा के प्रति विद्यार्थियों की रुचि जागृत करना और इस प्राचीन भाषा की महत्ता को समझाना था।
प्रतियोगिता में रुचि शर्मा ने अपनी असाधारण प्रस्तुति के माध्यम से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। उनकी प्रस्तुति में छंदों की सही समझ और भावनाओं की गहन अभिव्यक्ति देखने को मिली, जिसने उन्हें प्रथम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रूचि को इनाम राशि 1100 रूपए के साथ स्मृति चिन्ह और गोपाल को 500 रूपए एवं स्मृति चिन्ह से नवाज़ा गया रुचि की इस उपलब्धि के पीछे उनकी कड़ी मेहनत और शिक्षक वर्ग की विशेष मार्गदर्शन की प्रमुख भूमिका रही।
विद्यालय के प्रधानाचार्य रजनीश रांगड़ा ने रुचि शर्मा को इस उत्कृष्ट उपलब्धि पर बधाई दी और कहा, “रुचि की इस जीत ने पूरे विद्यालय को गर्व महसूस कराया है। संस्कृत भाषा को पुनर्जीवित करने और विद्यार्थियों में इसकी समझ बढ़ाने के लिए इस तरह की प्रतियोगिताएं अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हमें खुशी है कि रुचि ने इस अवसर का भरपूर लाभ उठाया और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से जिले भर में विद्यालय का नाम ऊँचा किया है।” बताते चलें कि रूचि पिछले वर्ष राज्य स्तर पर तीसरे स्थान पर रही थी उन्होंने कहा कि रुचि का यह सफल प्रदर्शन विद्यालय में संस्कृत भाषा के प्रति अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरित करेगा और वे भी इस प्राचीन भाषा की ओर आकर्षित होंगे।
संस्कृत प्रवक्ता विजय शर्मा एवं संस्कृत शिक्षक राजेश शर्मा ने बताया कि रुचि प्रारंभ से ही इस प्राचीन भाषा के प्रति विशेष रुचि रखती हैं और उन्हें गीति विधा में महारत हासिल है। प्रतियोगिता के लिए की गई तैयारियों के दौरान उन्होंने विशेष रूप से छंदों के गूढ़ अर्थ और उनकी सही उच्चारण विधि पर ध्यान केंद्रित किया। इस प्रयास का परिणाम आज हम सबके सामने है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रुचि आने वाले समय में भी संस्कृत भाषा के प्रति इसी लगन और समर्पण के साथ काम करती रहेंगी।
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रुचि की इस उपलब्धि पर उनके परिवार ने भी गर्व जताया है। उनके पिता श्री सतीश शर्मा ने कहा, “हमें रुचि पर गर्व है। वह हमेशा से ही पढ़ाई और संस्कृत के प्रति बहुत गंभीर रही है। इस प्रतियोगिता में जीत हासिल करना उसके कठोर परिश्रम और दृढ़ निश्चय का परिणाम है। हम उसकी सफलता की कामना करते हैं।”