
महाविद्यालय सुजानपुर में किया गया एक दिवसीय कैरियर कार्यशाला का आयोजन
बिंदिया ठाकुर | सुजानपुर
राजकीय उत्कृष्ट महाविद्यालय, सुजानपुर टीहरा में कैरियर काउंसलिंग एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उनके भविष्य की योजना बनाने में सहयोग देना, सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करना तथा उन्हें रोजगारोन्मुख मार्गदर्शन प्रदान करना रहा। यह कार्यशाला न केवल छात्रों के आत्म-विश्वास को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हुई, बल्कि उनके व्यक्तित्व निर्माण में भी एक सशक्त कदम साबित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजायब सिंह बन्याल ने की, जिन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान समय में युवाओं को केवल शैक्षणिक ज्ञान ही नहीं, अपितु मानसिक दृढ़ता, उचित मार्गदर्शन और व्यवहारिक सोच की भी आवश्यकता है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अरुण कान्त और यशदीप सिंह ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए विद्यार्थियों को कैरियर विकल्पों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने विशेष रूप से पॉज़िटिव माइंडसेट, आत्मविश्वास, समस्या समाधान कौशल, टीम वर्क और जीवन में अनुशासन के महत्व को रेखांकित किया। साथ ही, छात्रों को गुड मेंटरशिप की अवधारणा से परिचित कराया गया, जिसके अंतर्गत उन्होंने बताया कि एक अच्छा मार्गदर्शक जीवन के हर मोड़ पर सही दिशा दिखाने में सहायक होता है।
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इस अवसर पर एक महत्वपूर्ण एम.ओ.यू (MoU) भी हस्ताक्षरित किया गया, जिससे भविष्य में महाविद्यालय और बाहरी संस्थाओं के बीच सहयोग के नए द्वार खुलेंगे। यह समझौता छात्रों को इंटर्नशिप, प्रशिक्षण एवं रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में एक सार्थक पहल है।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के अनेक प्राध्यापकगण – प्रो. राजेश खरवाल, प्रो. साहिल, प्रो. आशु, प्रो. बनिता, प्रो. नीना, तथा प्रो. मितुल – की गरिमामयी उपस्थिति रही, जिन्होंने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी शिक्षकों ने वक्ताओं के विचारों की सराहना की और छात्रों को इससे अधिकाधिक लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला के अंत में विद्यार्थियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और इसे अत्यंत प्रेरणादायक तथा ज्ञानवर्धक बताया। उन्होंने भविष्य में भी ऐसे आयोजनों की निरंतरता की अपेक्षा की, ताकि वे अपने कैरियर निर्माण की दिशा में और अधिक आत्मविश्वास से आगे बढ़ सकें। इस प्रकार यह कार्यशाला न केवल एक आयोजन मात्र थी, बल्कि एक प्रेरणास्रोत बनकर उभरी जिसने विद्यार्थियों को सोचने, समझने और आगे बढ़ने की दिशा प्रदान की।